राम का जीवन अनुकरणीय, कृष्ण का श्रवणीय- विनोद व्यास जी महाराज

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दावथ /रोहतास (संवाददाता ):-मनुष्यों को समझना होगा कि जहां भगवान राम का जीवन अनुकरणीय है, वहीं श्रीकृष्ण का जीवन श्रवणीय है। हमें राम के दिखाए आदर्शों पर चलना चाहिए। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण की कथा सुनने मात्र से ही प्राणियों का कल्याण हो जाता है। उक्त बातें विनोद व्यास जी महाराज बिठवा में आयोजित रुद्र यज्ञ में प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगने का वचन लेकर भगवान वामन ने असुरों के आतंक से पृथ्वी को बचाया था। इसके बाद भगवान त्रेतायुग में श्रीराम के रुप में अवतरित हुए और संसार को रावण के त्रास से मुक्त किया। हमें प्रभू श्रीराम के जीवन से जीने का तरीका सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान ने समय-समय पर लोगों की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर अवतार लिया है। इसके बाद द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण धरती पर प्रगट हुए और धरती को पापियों के बोझ से मुक्त कराया। आधुनिकता के साथ आध्यात्मिकता को भी साथ रखें। भगवान की कथा को श्रवण कर उनके बताए मार्ग पर चलें।

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