

न्यूजभारत20 डेस्क:- जहां देश के कई हिस्सों से रामनवमी पर तनाव और विवाद की खबरें आती रहीं, वहीं पश्चिम बंगाल के मालदा जिले ने सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की एक खूबसूरत मिसाल पेश की। रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू श्रद्धालुओं का मिठाई और फूलों से स्वागत किया, जिससे शहर में गंगा-जमुनी तहजीब की झलक देखने को मिली। रामनवमी के अवसर पर रविवार को मालदा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जैसे ही शोभायात्रा मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर गुजरी, वहां के स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाए और मिठाई वितरित की। ‘जय श्रीराम’ के नारों के बीच चारों ओर आपसी सम्मान और भाईचारे का माहौल देखने को मिला। इस पहल में न केवल बुजुर्गों ने हिस्सा लिया बल्कि युवा मुस्लिमों ने भी शोभायात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को पानी, प्रसाद और मिठाई भेंट की। यह दृश्य देखकर श्रद्धालुओं ने भी मुस्लिम समुदाय का आभार जताया और एकता का संदेश दिया। मालदा प्रशासन और पुलिस ने पूरे कार्यक्रम की निगरानी की और कहा कि शहर के लोगों ने आपसी सौहार्द और समझदारी से त्योहार को शांति और प्रेम के साथ मनाया।

जिले के एसपी ने कहा, “मालदा ने जो उदाहरण पेश किया है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।” राज्य के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने मालदा की जनता की सराहना की। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक ने कहा, “ये है बंगाल की संस्कृति, जहां मजहब से पहले इंसानियत आती है।” वहीं, कई हिंदू संगठनों ने भी मुस्लिम समाज का आभार व्यक्त करते हुए इसे “सच्चे भारत की तस्वीर” बताया। घटना से जुड़े वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। हजारों लोग इन तस्वीरों पर कमेंट कर रहे हैं और मालदा की जनता को धन्यवाद दे रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, “अगर ऐसा हर जगह हो तो दुनिया को नफरत की नहीं, मोहब्बत की ज़रूरत है।” जहां कई बार धर्म के नाम पर नफरत देखने को मिलती है, वहीं मालदा जैसे उदाहरण हमें याद दिलाते हैं कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में है। रामनवमी के पावन अवसर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा दिखाई गई यह भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है।