बालासोर : बालासोर में हुये ट्रेन हादसे में मरने वाले 101 यात्रियों के शवों की पहचान अभी तक रेलवे की ओर से नहीं करायी गयी है. सूचना पाकर ट्रेन यात्रियों के परिजन बालासोर पहुंच रहे हैं और शव की पहचान कर अपने घर लेकर जा रहे हैं. अब रेलवे की परेशानी यह बन गयी है कि 101 शवों की पहचान चार दिनों के बाद भी नहीं हो सकी है. शवों की पहचान कराने के लिये देशभर के डीसी को इसकी फोटो भेजी गयी है. अब जिला स्तर से भी शवों की पहचान कराने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम के लिये सोशल मीडिया से भी सहयोग लिया जा रहा है.
हादसे में 275 यात्रियों की हुई थी मौत
बालासोर ट्रेन हादसे में 275 यात्रियों की मौत हुई थी. इसमें से 80 यात्रियों के शवों की पहचान कर ली गयी है. समाचार लिखे जाने तक 55 यात्रियों के शवों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. बाकी शवों की भी पहचान कराने का काम किया जा रहा है.
अब भी चल रहा है 200 घायल यात्रियों का इलाज
बालासोर ट्रेन हादसे में कुल 1100 यात्री घायल हुये थे. घायलों में 900 को छुट्टी दे दी गयी है. बाकी के बचे 200 ट्रेन यात्रियों का इलाज अब भी ओड़िशा के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. रेलवे की ओर से घायल यात्रियों का बेहतर तरीके से इलाज कराया जा रहा है. इसका पूरा खर्च रेलवे की ओर से वहन करने का काम किया जा रहा है
2 जून को हुआ था हादसा
बालासोर जिले के पनपाना स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गयी थी. घटना नें कोरोमंडल एक्सप्रेस की कई कोच बेपटरी हो गयी थी. घटना के कुछ सेकेंड बाद ही यशवंतपुर एक्सप्रेस आ गयी थी और बेपटरी कोच से टकरा गयी थी. यशवंतपुर एक्सप्रेस की कई कोच दूसरी कोच पर चढ़ गयी थी.
घटना के बाद जीरो ग्राउंड पर पहुंचे थे पीएम मोदी
घटना के बाद पीएम मोदी जीरो ग्राउंड पर दूसरे दिन पहुंचे थे और घायल यात्रियों से अस्पताल में मिलकर उनका हाल जाना था. वहीं कहा था कि घटना में दोषियों को बक्शा नहीं जायगा. घटना के बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर ही कैंप किये हुये थे. घटना से पूरा देश सिहरा हुआ है. इस तरह की त्रासदी दोबारा नहीं हो ऐसी प्रार्थना देशभर के लोग रहे हैं.