पूरे 50 साल बाद बन रहा है ऐसा महायोग, रक्षाबंधन चार विशिष्ट योगों से है परिपूर्ण, जाने उत्तम मुहूर्त 

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रक्षाबंधन विशेष :  सावन पूर्णिमा की तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा. बहनें सूर्योदय के बाद कभी भी अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं.

इस साल के रक्षाबंधन पर चार विशिष्ट योगों से परिपूर्ण है. यह महा योग पूरे 50 साल बाद बन रहा है. 50 साल बाद रक्षा बंधन के पर्व पर सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बन रहें हैं. इसके पहले यह संयोग 1981 में एक साथ बने थे. इन चारों महा योगों से इस साल के रक्षाबंधन का महात्म्य बहुत अधिक बढ़ गया है. ऐसे में इस रक्षा बंधन का माहात्म्य अतुलनीय है. इस लिए बहनें भाई को राखी बांधने से पहले ये काम जरूर कर लें.

सबसे पहले देवताओं को राखी बांधकर उनको भोग लगाना चाहिए. तत्पश्चात भाइयों को राखी बांधें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और बहनों को मनवांछित वरदान देते हैं. भाइयों का घर धन-दौलत से भर देते हैं.

मान्यता के अनुशार सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए. उसके बाद एनी देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें. इस अद्भुत योग के मध्य भाई और बहन के लिए रक्षा बंधन की रस्म अति विशेष कल्याणकारी होगी.

राखी बांधने उत्तम मुहूर्त : 22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा.

 

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