सूर्य मंदिर समिति ने भाजमो के आरोपों को बताया मनगढ़ंत कहानियों का पुलिंदा, सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह एवं भूपेंद्र सिंह ने कहा- आध्यात्मिक एवं रमणीक स्थल को बर्बाद करने की साजिश में लगे हैं विधायक सरयू राय, करेंगे सभी झूठ का पर्दाफाश

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न्यूजभारत20 डेस्क/जमशेदपुर:- सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर समिति ने सोमवार को भाजमो द्वारा जिला उपायुक्त के नाम सौंपे गए ज्ञापन को मनगढ़ंत कहानियों का पुलिंदा बताते हुए विधायक सरयू राय पर सूर्य मंदिर परिसर के आध्यात्मिक स्थलों को नष्ट करने की लगातार साजिश करने का आरोप लगाया। सोमवार को सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह एवं अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर विधायक सरयू राय पर लोगों को दिग्भ्रमित कर राजनीति करने की बात कही। समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति ने पिछले 20-22 वर्षों में आध्यत्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन के जरिये शहर के लोगों में धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने का कार्य किया है। सूर्य मंदिर समिति ने मंदिर निर्माण से लेकर अन्य कार्यों में जमशेदपुर के आस्थावान श्रद्धालुओं का सहयोग लेकर इसे जमशेदपुर ही नही बल्कि झारखंड के प्रसिद्व आध्यत्मिक स्थल के रूप में स्थापित किया है। सूर्य मंदिर समिति पिछले दो दशकों से बिना किसी विवाद के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन कर रही है। परंतु सरयू राय के जमशेदपुर पुर्वी से निर्दलीय विधायक बनने के बाद से ही सूर्य मंदिर की सुंदरता और इसका रखरखाव उन्हें आंखों में काटों की भांति चुभने लगा है। जिसका परिणाम यह हुआ कि पद और पावर का दुरुपयोग कर उन्होंने जिला प्रशासन से अनावश्यक हस्तक्षेप कराकर मंदिर परिसर में बने चिल्ड्रेन पार्क को सरकार के अधीन कर दिया। आज उसकी क्या स्थिति है उसका गवाह वहां जाने वाले लोग हैं। रखरखाव और उदासीनता के कारण पार्क जंगल में तब्दील हो गए हैं, झूलों को झाड़ियों ने जकड़ लिया है। आज बच्चों के खेलेने वाले जगह पर जहरीले सांप विचरण करते हैं। चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि विधायक सरयू राय के द्वारा हाल के दिनों में एक स्विमिंग पूल का उद्घाटन बड़े जोर-शोर से किया गया। यहां बच्चों को ट्रेनिंग मिलना तो दूर, स्विमिंग पूल का पानी बदलने की अब तक हिम्मत नही हुई है। ये सभी उपलब्धि विधायक सरयू राय के कार्यों का बखान करती है। संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि विधायक सरयू राय की प्रवृत्ति किसी स्थान को बनाने नही बल्कि उसमें विवाद खड़ाकर बिगाड़ने की रही है। गत विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक उन्होंने सिर्फ लोगों को दिग्भ्रमित करने और झूठे आरोप लगाकर सुर्खियों में बने रहने का कार्य किया है। संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति मंदिर परिसर के किसी स्थान का व्यावसायिक उपयोग न कभी की है और ना कर रही है। उन्होंने विधायक सरयू राय को नसीहत देते हुए कहा कि एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर को नष्ट करने की राजनीति करने और जनता को गुमराह करने की प्रवृत्ति से उन्हें बाज आना चाहिए। ऐसे भय और भ्रम राजनीति की उम्र नही ज्यादा नही होती। चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि जमशेदपुर के एक-एक लोग ऐसी मानसिकता वाली राजनीति को भली भांति समझ चुके हैं। सूर्य मंदिर समिति के तमाम सदस्यगण इस तरह के मानसिकता लिए लोगों का सभी स्तर पर विरोध कर जनता के समक्ष सच्चाई उजागर करेंगे।

वहीं, सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों एवं मंदिर में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं के कारण ही सूर्य मंदिर एवं इसका परिसर आज सुरक्षित है। जिसको विधायक सरयू राय ने विगत साढ़े चार वर्षों में बर्बाद करने के लिए कोई कोर-कसर नही छोड़ी है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पार्क में पांच रुपये का शुल्क पार्क के रखरखाव, चिल्ड्रेन पार्क के झूले के मरम्मत और सुरक्षा गार्ड के अतिरिक्त 12 दिव्यांग कर्मचारियों के वेतन में उपयोग होता था। इसके अतिरिक्त बिजली बिल, साफ-सफाई सूर्य मंदिर समिति के कर्मचारी करते थे। लेकिन शुल्क बंद होने के बाद पार्क में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है। इसके साथ ही, कोई रोक-टोक ना होने के कारण गलत मानसिकता वाले लोग के प्रवेश करने से यहां की संपत्तियों को भी नुकसान हो रहा है। परंतु फिर भी सूर्य मंदिर समिति इन स्थानों पर साफ-सफाई, रखरखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रही है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मंदिर परिसर में बना भवन सूर्य मंदिर समिति की निजी संपति है। विधायक सरयू राय बड़ी-बड़ी बातें लिखकर सिर्फ लोगों को गुमराह करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि सोन मंडप और यात्री निवास की बुकिंग सूर्य मंदिर समिति ने कभी नही की है और ना ही इसमें मंदिर समिति का कोई हस्तक्षेप रहा है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि शंख मैदान में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य को ना कराने का आग्रह जिला उपायुक्त महोदय से मिलकर की गई है। क्योंकि शंख मैदान में प्रत्येक वर्ष श्रीराम मंदिर स्थापना के वर्षगाँठ पर श्रीरामकथा, पंचकुंडीय महायज्ञ, लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में छठ महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या, जन्माष्टमी महोत्सव पर विभिन्न संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम, छठ पूजा के दौरान सेवा शिविर, श्रीमद्भागवत कथा, गंगा आरती की तर्ज पर महाआरती समेत विशाल महाभण्डारा का आयोजन अति भव्य रूप में सम्पन होता है। निर्माण कार्य होने से ऐसे निरंतर होने वाले कार्यक्रमों को सम्पन्न करने में बड़ी बाधा उत्पन्न होगी और श्रद्धालुओं को बहुत अधिक असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

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