परमाणु ऊर्जा विभाग के बोर्ड का निर्णय होगा।

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जादूगोड़ा:- यूसिल जादूगोड़ा माइंस 2016-17 स्वैच्छिक इस्तीफा योजना मंच की ओर से सोमवार को जादूगोड़ा अस्पताल गेट के समीप एक दिवसीय धरना दिया गया। इसके बाद यूसिल प्रबंधन ने बातचीत के लिए मंच के लोगों को बुलाया।बैठक के बाद मंच के सदस्यों ने बताया कि प्रबंधन के अनुसार, 2016 का मैटर 2019 में मर्ज हो गया है। नियोजन के संदर्भ में प्रबंधन का कहना है कि परमाणु ऊर्जा विभाग का बोर्ड जो भी फैसला लेगा, उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा। प्रबंधन ने यह भी कहा कि एसडीओ की ओर से की जा रही जांच में कंपनी प्रबंधन की ओर से सभी कागजात उन्हें सौंपे जाएंगे। प्रबंधन ने फर्जी तरीके से कुछ लोगों के नौकरी मामले में उचित जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।

मंच के सदस्यों का कहना है कि यदि वर्ष 2016-17 वालों को प्रबंधन नहीं लेगी तो प्रबंधन की ओर से नोटिस दिया जाए। हालांकि प्रबंधन ने नोटिस देने से मना कर दिया। प्रबंधन ने कहा कि वे नोटिस चस्पा नहीं कर सकते। मंच के लोगों ने कहा कि एसडीओ की रिपोर्ट आने तक धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम स्थगित किया जा रहा है। इस मामले पर प्रबंधन के नकारात्मक रवैए को देखते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के नेतृत्व में मंच की ओर से पीएमओ कार्यालय के जितेंद्र सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने एसडीओ को दिया जांच का आदेश : मंच के सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन देने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए घाटशिला एसडीओ को जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि वर्ष 2016-17 में वीआरएस स्कीम के तहत जिन यूसिल कर्मियों को मेडिकल जांच में अनफिट होने पर उनके आश्रितों को नौकरी पर रखने की बात कह कर उनकी मेडिकल जांच कराई भी कराया था सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी यूसिल द्वारा उनके आश्रितों को नौकरी पर नहीं रखा गया। वहीं इस बारे में मंच की ओर से कहा गया है कि वर्ष 2016-17 के बाद से अब तक कई लोग फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के सहारे नॉकरी कर रहे है जिसकी उच्च स्तर से जांच होने की मांग स्वास्थ्य मंत्री से किया।

वहीं इस संबंध में बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे सारे मामले की जांच रिपोर्ट को मुख्यमंत्री से अवगत करवा कर मामले को पीएमओ में भी रखेंगे। राज्य की जनता के साथ गलत होने नहीं दिया जाएगा। यह गंभीर मामला प्रतीत हो रहा है।

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