

न्यूजभारत20 डेस्क:- जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में एक अजीब लेकिन दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई, जहाँ एक व्यक्ति की जान उसकी दाढ़ी और जोर-जोर से लिखी गई एक चिट्ठी ने बचा ली। घटना कुछ यूं हुई कि पहलगाम में एक संदिग्ध हालत में एक व्यक्ति को पकड़ा गया, जिसे स्थानीय लोग बाहरी समझकर संदेह की नज़र से देखने लगे। इलाके में सुरक्षा की दृष्टि से सतर्कता पहले से ही बढ़ी हुई थी, और ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति की उपस्थिति चिंता का कारण बन गई। जब उस व्यक्ति से पूछताछ की गई, तो वह ठीक से बोल नहीं पा रहा था — न किसी स्थानीय भाषा में, न ही हिन्दी या अंग्रेज़ी में। तनाव की स्थिति बढ़ने लगी, तभी उसने कांपते हाथों से अपनी जेब से एक कलम और कागज़ निकाला और ज़ोर-ज़ोर से लिखने लगा। उसने बार-बार लिखकर यह बताने की कोशिश की कि वह एक लेखक है और पहलगाम केवल घूमने आया है। लेकिन जब तक किसी को यकीन होता, माहौल और भी गर्म हो चुका था।

तभी, भीड़ में खड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति की नज़र उसकी लंबी, सादी दाढ़ी पर पड़ी। उन्होंने कहा, “यह आदमी तो पिछले साल श्रीनगर के साहित्य उत्सव में आया था। इसकी दाढ़ी और लिखने का तरीका मुझे याद है।” बुजुर्ग की बात पर जब और जांच की गई तो सामने आया कि यह व्यक्ति दरअसल एक शांतिप्रिय लेखक है, जो प्रकृति से प्रेरणा लेने पहलगाम आया था। उसके पास से साहित्य से जुड़े कुछ पुराने पर्चे और स्केच भी मिले। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभाला और लेखक को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बाद में लेखक ने कहा, “मैंने सोचा था कि शब्द ही मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं, लेकिन आज मेरी दाढ़ी और मेरी लिखावट ने मेरी जान बचा ली।” यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि पहचान सिर्फ नाम या काग़ज़ों से नहीं, कभी-कभी अंदाज़ और आदतें भी ज़िंदगी का प्रमाण बन सकती हैं।