

बिक्रमगंज / रोहतास (रवि प्रकाश):- शहर के प्रमुख तेंदूनी चौक पर सौंदर्यीकरण के लिए लगाया गया भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ इन दिनों स्थानीय शहर में कौतूहल का विषय बनने के साथ ही जिले में काफी सुर्खियां बटोर रहा है।इस पर धरातल से लेकर सोशल मीडिया में राजनीति परवान चढ़ते दिखने लगा है। लगने पर स्वागत तो हटाने पर निंदा से लेकर धरना प्रदर्शन का दौर भी चल पड़ा है।17 फरवरी को सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल होते ही नप के अधिकारी सकते में आ गये तथा वायरल वीडियो की सत्यता को ले तहकीकात में जुट गए।लेकिन जांच पड़ताल में सत्यता गुम होते दिखा। बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को संध्याकालीन शहर के तेंदुनी चौक पर नप द्वारा भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ को लगाकर पुनः अगले दिन जनवरी को सायंकाल में ही हटाकर एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया। सूत्रों की माने तो राजकीय अनुमति नही होने की वजह से नप ने ऐसा किया जाना बताया है। तब से इसको ले राजनीति उफान पर है । उसी प्रतीक चिन्ह को शहर के वार्ड संख्या 22 में एक कचरे के ढ़ेर में फेंके जाने का दावा करते हुए सोशल मीडिया में एक वीडियो को वायरल किया गया।ततपश्चात नप ईओ प्रेम स्वरूपम व नप सभापति रब नवाज खान के कान खड़े हो गए।बगैर विलंब किये वायरल वीडियो के छानबीन में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि जुट गए।लेकिन घण्टो खाक छानने के बाद भी कुछ हाशिल नही हो पाया। जांचोपरांत आपत्तिजनक स्थिति में कोई साक्ष्य नही मिला। इस संबंध में नप ईओ प्रेम स्वरूपम ने वायरल वीडियो को सिरे से खारिज करते हुए सजिशकर्ताओ के ओच्छी हरकत का परिणाम बताया वही नप सभापति रब नवाज खान ने सोशल मीडिया पर प्रतीक चिन्ह का वायरल वीडियो किसी अन्य जगह का दिखाकर साजिश के तहत परिषद क्षेत्र सहित अधिकारियों को बदनाम करने की ओच्छी मानसिकता वाले लोगो का करतूत बताया ।जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की पहल करते हुए कहा कि लोग दिग्भ्रमित होने से बचे व अफवाहों पर ध्यान न दे। दिलचस्प पहलू यह है कि इस मामले में करीब दो सप्ताह बीत गया लेकिन अधिकारी मौन व मूकदर्शक बने दिख रहे है।किसी पर कोई कार्रवाई अब तक होते नही दिखा। :/

