फिल्में हमें दर्शकों की अभिरुचि को ध्यान में रखकर बनानी चाहिए-राजीव सिन्हा

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JMPPA के द्वारा जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल बुलेबर्ड में अपना पहला झारखंड सिने संवाद का आयोजन किया गया। इसमें झारखंड के मशहूर फिल्म मेकर राजीव सिन्हा ने ख़ास तौर पर शिरकत किया और फिल्म निर्माण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

फिल्म बनाना तो आसान है, लेकिन चलाना चुनौतीपूर्ण

उन्होंने बताया कि वीडियो मेकिंग के अन्तर्गत कई कार्य शामिल हैं, जिनमें डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, फीचर फिल्म आदि पर लोग सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने “नासूर” जैसी फिल्म बनाई, जिसे फिल्म प्रेमियों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
उन्होंने बताया कि फिल्म बनाना कठिन नहीं, बल्कि उसे चलाना कठिन है। लागत को वापस लाना कठिन है। इसके लिए बहुत ही लगन, समझदारी और शिद्दत से काम करने की ज़रूरत है। कुदरत ने खुला आसमान दिया है सभी को उड़ने के लिए। चाहते तो सभी हैं, लेकिन उड़ान विरले ही भर पाते हैं। कहानी ही फिल्म की रीढ़ होती है। उसके बाद हर चीज़ अच्छी होनी चाहिए। जैसे गाने. फिल्में हमें दर्शकों की अभिरुचि को ध्यान में रखकर बनानी चाहिए। जिस वर्ग के लिए फिल्म बना रहे हैं, उनके बारे में अच्छी तरह रिसर्च कर लेनी चाहिए।

झारखंड में फिल्म चलाना काफ़ी मुश्किल

हर राज्य में अपनी एक भाषा है। झारखंड में कई भाषाएं हैं। यह बड़ी चुनौती है। दर्शकों की कमी इसीलिए। अगर किसी ख़ास भाषा की बात करें।

बजट का कोई दायरा नहीं

राजीव सिन्हा ने कहा कि बजट को लेकर किसी दायरे में नहीं बांधा जा सकता, लेकिन फिल्म से लागत वापस आएगा, इसके बारे में पहले ही प्लानिंग कर लेनी चाहिए।

एक साथ मिलकर काम करना बेहतर विकल्प हो सकता है

कहा कि कम से कम दो भाषाओं में फिल्में बनानी चाहिए। उन्होंने अंत में कहा कि कहीं ऐसा न हो जाए, कि कल कोरपोरेट की घुसपैठ हो जाए और फिर हमारी अपनी स्वच्छंदता पर अंकुश लग जाए, अपनी पहचान खो जाय।

इससे पहले संस्था के प्रेसिडेंट एन के सिंह ने राजीव सिन्हा का स्वागत करते हुए फिल्म मेकिंग से पहले इसके कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों से भली भांति परिचित होना आवश्यक है।

संवाद सत्र
संवाद के क्रम में उपस्थित फिल्म मेकर्स ने राजीव सिन्हा से सवाल जवाब किया।

संचालन निखिल ने किया। राजीव सिन्हा ने अपनी बात रखने से पहले उपस्थित सभी का परिचय प्राप्त किया।
सम्मान
उसके बाद कई वरिष्ठ फिल्मकारों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया, जिनमें दशरथ हांसदा, शत्रुघ्न जी, मान सिंह माझी, सुखदेव महतो, शालिनी प्रसाद आदि शामिल रहे।

उपस्थिति

इस सिने संवाद में मुख्य रूप से JMPPA के अध्यक्ष एन के सिंह, उदय साहू, उपाध्यक्ष सुखदेव महतो, सचिव कुमार विवेक,
विकाश (फिल्म मेकर), शालिनी प्रसाद, मासकॉम विभाग वूमेंस कॉलेज, शत्रुघ्न जी, आसमां इंडिया के फाइंडर संजय सतपथी, फिल्म लेखक शशांक शेखर, मानसिंह माझी, दशरथ हांसदा, उदय, रानी Mardi आदि उपस्थित थे।

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