

पश्चिम बंगाल में बीरभूम से बीजेपी उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन खारिज हो गया है। वह अदेय प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे पहले देबासिस धर ने पिछले महीने आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट का एक आदेश है। जिसमें कहा गया है कि आप जिस एजेंसी से जुड़े हैं, वहां से नॉन ड्यूज सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। आरपी एक्ट की धारा 36 के अनुसार चुनाव में उम्मीदवार को पानी, बिजली, आवास बिल का भुगतान करना होता है। यह विभाग लिखित में देता है कि हमारे यहां परामर्श का कोई उपयोग नहीं है।

कथित तौर पर जिले के एक वरिष्ठ नेता देबतनु भट्टाचार्य को भाजपा ने दूसरे उम्मीदवार के रूप में चुना था। उन्होंने गुरुवार को बीरभूम लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र भर दिया है। उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया है।
अप्रैल 2021 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो अंडरवियर देवासी धर बिहार के एसपी थे. 10 अप्रैल को सीआईएसएफ प्रमुख ने सीताकुची में दोनों पर गोलियां चला दीं,चार मतदाताओं की हत्या । घर को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था लेकिन उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया और आदेश रद्द कर दिया गया। सितंबर 2022 में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया, जिसका उल्लेख धर ने अपने हलफनामे में किया कि उनके खिलाफ मामला लंबित था।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने कोई मंजूरी नहीं दी क्योंकि धर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है। इससे धार के लिए स्थिति मुश्किल हो गई है, बीजेपी ने कहा था कि अगर उनकी कुर्सी तकनीकी आधार पर खारिज कर दी गई तो बीजेपी के पास भट्टाचार्य होंगे।