हाई कोलेस्टेरॉल से क्या है नुकसान, कैसे इसे कम कर सकते है ?? आईए जानते हैं आयुष चिकित्सक डॉ रीना आजमी से ये खास सलाह…

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लोक आलोक न्यूज हेल्थ :- आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो, जो स्ट्रेस न लेता हो. स्ट्रेस लेना आम बात हो गई है. ऐसे में दिनचर्या भी अनियमित हो जाती है. उस जंकफूड का ज्यादा सेवन करना भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. यह कहना है आदित्यपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की जानी-मानी आयुष चिकित्सक डॉ रीना आजमी का. डॉ रीना आजमी का कहना है कि कोलेस्टेरॉल हमारे शरीर में एक प्रकार से लुब्रीकेट का काम करता है. इसका मुख्य कार्य लीवर की सहायता करना होता है. कोलेस्टेरॉल का दूसरा काम शरीर में हॉर्मोन्स को कंट्रोल करना है. हमारे शरीर के लिए विटामिन डी का बहुत महत्व होता है, जो हमें सूर्य किरणों से मिलता है. सूर्य की इस रौशनी को कोलेस्टेरॉल विटामिन डी में बदने में मदद करता है, लेकिन इसकी कमी के कारण कोलेस्टेरॉल ज्यादा हो जाता है. इससे किसी भी व्यक्ति को स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.

डॉ रीना आजमी के मुताबिक अत्यधिक थकान, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, आलस, घबराहट या बेहोशी, सीने में दर्द और दबाव, गैस या अपच जैसा महसूस होना, पैरों में सूजन, पेट में सूजन, हल्का हार्ट अटैक, वजन बढ़ना, सांस की तकलीफ, जोड़ों में दर्द, माइग्रेन, आंखों की रौशनी कमजोर होना, गुर्दे की विफलता, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं.

शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. गुड कोलेस्टेरॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्टेरॉल (एलडीएल). यह दोनों ही प्रकार के कोलेस्टेरॉल हाई और लो डेनसिटी प्रोटिन से बनते हैं. इनकी निश्चित मात्रा शरीर के लिए अच्छी है. शरीर में नॉर्मल कोलेस्टेरॉल की मात्रा 200 एमजी/डीएल या इससे कम होनी चाहिए. बॉर्डर लाइन कोलेस्टेरॉल 200 से 239 एमजी/डीएल के बीच और हाई कोलेस्टेरॉल 240 एमजी/डीएल होता है.

कोलेस्टेरॉल बढ़ने की वजह

कोलेस्टेरॉल बढ़ने की क्या है वजह? इस संबंध में डॉ रीना आजमी का कहना है कि यदि आप अपने आहार में पनीर, अंडे, मांस या ज्यादा तला हुआ खाना ले रहे हैं तो आपके आहार में फैट ज्यादा है, जो हाई कोलेस्टेरॉल का मुख्य कारण हो सकता है.

यह भी हो सकता है कारण

  • आपका वजन ज्यादा है और आप ज्यादा ध्रूमपान करते हैं तो आपको हाई कोलेस्टेरॉल हो सकता है.
  • कभी यह आनुवंशिक भी भी होता है और कभी कुछ दवाईयों के प्रभाव से भी हाई कोलेस्टेरॉल हो कता है.

यह है हाई कोलेस्टेरॉल के नुकसान

  • यदि रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होता है तो हॉर्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है.
  • मस्तिष्क से जुड़ी धमनी पर असर आने के कारण ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है.
  • यदि लीवर पर ज्यादा असर हो जाए, तो लीवर खराब हो सकता है.

इस तरह किया जा सकता है बचाव

  • जिन आहार में वसा का प्रमाण ज्यादा हो, उनका सेवन ना करें.
  • वजन को ज्यादा बढ़ने ना दें. बॉडी को फीट रखने के लिए रोजाना 20 मिनट व्यायाम करें.
  • ध्रूमपान और शराब का ज्यादा सेवन न करें.

कोलेस्टेरॉल नियंत्रण करने के कारगर उपाय

  • हल्दी का उपयोग : हल्दी बहुत अच्छी कुदरती एंटीऑक्सीडेंट है. इसका सेवन कोलेस्टेरॉल का लेवल कम करता है. इससे गठिया रोग की समस्या भी दूर होती है. खाने में इसका इस्तेमाल करने के साथ इसे दूध में मिलाकर भी पीया जा सकता है.
  • लहसुन का उपयोग : लहसुन एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि हमारे शरीर के एलडीएल, यानि खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं. सुबह खाली पेट इसकी एक-दो कलियों का सेवन करें.
  • सिंहपर्णी की जड़ : यह भी कोलेस्टेरॉल लेवल को कंट्रोल करके आपको लीवर और दिल की बीमारियों से बचाती है. चाहें तो इसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं.
  • ग्रीन टी : ग्रीन टी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह कोलेस्टेरॉल स्तर को नियंत्रण रखने में कारगर होता है. इसमें मौजूद तत्व शरीर में बुरे कोलेस्टेरॉल को 5 से 6 अंक तक कम करते है.
  • साचा इनची :  यह मूंगफली की तरह दिखनेवाली बीज है. इसमें हाई प्रोटीन के साथ ओमेगा एसिड (3,4,9) भरपूर मात्रा में होता है. इससे शरीर में कोलेस्टेरॉल का लेवर कंट्रोल रहता है.
  • मेथी के दानें : मेथी के दानें सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. यह कोलेस्टेरॉल के साथ ट्राइग्लिसाइड्स लेवल को कम करने में मददगार होता है. इसके सेवन से दिल की बीमारियों के साथ कई अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है.
  • इसबगोल की पत्तियां : घुलनशील फाइबर होने के कारण इसबगोल की पत्तियों का सेवन भी कोलेस्टेरॉल लेवल को कम करने में मदद करती है. कोलेस्टेरॉल को कंट्रोल करने के साथ ही यह गुड कोलेस्टेरॉल को भी बढ़ाता है.

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