विश्व कैंसर दिवस: एमटीएमएच ने जमशेदपुर में कैंसर देखभाल में काफी योगदान दिया है

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जमशेदपुर :- कैंसर एक भयानक बीमारी है। अधिकांश रोगियों के लिए, यह मौत का फैसला लगता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। पिछले एक दशक में, चिकित्सा जगत ने कैंसर की देखभाल तथा निश्चित इलाज के प्रबंधन में काफी प्रगति की है और अधिकांश मामलों में कैंसर का उपचार संभव है, अगर इसका पता जल्दी लगा लिया जाए और जल्दी इलाज किया जाए।

जमशेदपुर में लंबे समय से कैंसर के व्यापक प्रबंधन के मामले में एक कमी महसूस की जा रही थी। अधिकांश रोगियों को बीमारी के इलाज के लिए महानगरों की यात्रा करनी पड़ती थी, जो न केवल असुविधाजनक था, बल्कि महंगा भी था और उनके संसाधनों को खत्म कर देता था।

जमशेदपुर में एमटीएमएच नामक एक कैंसर अस्पताल की स्थापना 1975 में कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए की गई थी। समय के साथ ही, कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या और कैंसर देखभाल में प्रगति ने अस्पताल के विस्तार और उन्नयन की आवश्यकता को बढ़ा दिया है। 2017 में, टाटा ट्रस्ट्स ने एमटीएमएच को 72-बेड वाले कैंसर अस्पताल से 128 बेड वाले व्यापक कैंसर देखभाल सुविधा में अपग्रेड करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी।

इस परियोजना का शिलान्यास समारोह 2 मार्च 2018 को श्री रतन टाटा द्वारा किया गया था। एक वर्ष की अवधि में, टीएमएच परिसर में एक नये विस्तृत भवन का निर्माण किया गया, जो एक स्काईब्रिज द्वारा एमटीएमएच से जुड़ा था। दोनों इमारतों में एक साथ व्यापक कैंसर देखभाल की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें एक बहु-परामर्शदाता ओपीडी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, न्यूट्रोपेनिया और रेडियोथेरेपी वार्ड, डे केयर केमोथेरेपी वार्ड और प्रीतपाल पैलेटिव केयर सेंटर (सूरी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित) शामिल हैं। अब बेड की संख्या 72 से बढ़कर 128 हो गई है, जबकि एक लंबे समय से प्रतीक्षारत वैसे रोगी जिन्हें कम समय के लिए अस्पताल में रहने की जरूरत है, उनके लिए 40 बेड वाले डे केयर कीमोथेरेपी वार्ड की शुरुआत हुई है।

इसके अलावा, एक अत्याधुनिक ट्रू बीम रेडियोथेरेपी मशीन ने सबसे उन्नत और सटीक विकिरण चिकित्सा के साथ रोगियों के इलाज के लिए केंद्र की क्षमता को काफी बढ़ाया है। इंट्रा-कैविटरी रेडिएशन देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ब्रेकीथेरेपी उपकरण को भी बदल दिया गया।

यहां पीईटी-सीटी मशीन भी लगाई गई है। यह झारखंड में अपनी तरह का पहला है और एक महत्वपूर्ण निदान शाखा है जो प्रारंभिक कैंसर का पता लगाने और पुनरावृत्ति की जानकारी देता है।

सटीक निदान के लिए इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री और पीसीआर के साथ पैथोलॉजी को अपग्रेड किया गया था। एक नई अस्पताल प्रबंधन प्रणाली (एचएमएस), सेवाओं की सूचना तकनीक अथवा आईटी के रूप में रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करती है।

फिर से एक बार झारखंड में पहली बार हुआ कि एक अन्य सूरी सेवा फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित प्रीतपाल पैलेटिव केयर यूनिट का उद्घाटन 15 फरवरी 2020 को श्रीमती रुचि नरेंद्रन द्वारा किया गया। अत्याधुनिक 8 बिस्तरों वाली पैलेटिव केयर यूनिट में डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सीय सामाजिक कार्यकर्ता की एक विशेष टीम है।

यह पैलेटिव केयर की आवश्यकता वाले रोगियों की विशेष जरूरतों को पूरा करता है। लक्षणों का प्रबंधन, परिवारों को यह जानने में मदद करना कि घर पर प्रियजनों की देखभाल कैसे करें, बीमारी के दौरान परिवारों के साथ रहना प्रीतपाल पैलेटिव केयर यूनिट में प्रदान की जाने वाली सेवाओं का हिस्सा है। यह इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैलेटिव केयर द्वारा अनिवार्य रूप से पैलेटिव केयर में सर्टिफिकेट कोर्स के लिए एक मान्यता प्राप्त केंद्र है।

एमटीएमच में यह नया सेट-अप आयुष्मान भारत के रोगियों और विभिन्न सरकारी सहायता प्राप्त रोगियों के साथ-साथ कॉर्पोरेट और सामान्य रोगियों की भी जरूरतों को पूरा करता है। आधुनिकीकरण का प्रभाव, जमशेदपुर में लाभान्वित होने वाले रोगियों की बढ़ती संख्या में परिलक्षित होता है।

महामारी के बावजूद, 2021 में लगभग 26,000 रोगी एमटीएमएच ओपीडी में चिकित्सा के लिए आये, जिनमें से लगभग 3000 नए कैंसर के रोगी पाए गए। यहां कुल 10,000 लोग भर्ती हुए। लगभग 1100 रोगियों को रेडियोथेरेपी दी गई और 1900 रोगियों को पीईटी सीटी से गुजरना पड़ा। एमटीएमएच ने महामारी के दौरान भी अपने दरवाजे खुले रखे ताकि कैंसर के इलाज में दिक्कत न हो।

अपनी सेवा के माध्यम से, एमटीएमएच श्री रतन टाटा द्वारा कैंसर के उपचार के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद करता है: उद्देश्य सिर्फ ये है कि किसी भी कैंसर रोगी को कैंसर के इलाज के लिए अपने राज्य से बाहर जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े।

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