नारियों का एक ही धर्म पति पर विश्वास करना : ब्रज किशोर

Spread the love

 

बिक्रमगंज । स्थानीय शहर के धनगाई शिव मंदिर के परिसर में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर आयोजित शिव महापुराण कथा के चौथे दिवस पर शिव सती प्रसंग का व्याख्यान किया गया । शिव – सती प्रसंग का व्याख्यान करते हुए श्री शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान शंकर ने मां सती का त्याग कर राम के प्रति सच्ची एकनिष्ठ भक्ति को दर्शाया । मां सती ने पति पर भरोसा न करके बड़े ही कष्ट पाया नारियों के लिए एक ही धर्म होता है अपने पति पर विश्वास करना । पतिव्रता नारी के साथ – साथ में एक पत्नी व्रत पुरुष को भी होना बहुत ही जरूरी है । भगवान शंकर एक पत्नी व्रत धारण करने वालों में से एक हैं । राजा दक्ष प्रजापति के यज्ञ में भगवान शंकर को अपमानित करने के कारण सती ने शरीर का त्याग कर समाज को एक अलग और लेकर चले गए ।अपने पति का अपमान कदाचित नहीं सह सकती आज सभी स्त्रियां चाहती है कि हमारा पति भी भोले बाबा के जैसा सरल और मिलनसार हो मगर कोई भी स्त्री माता सती के प्रति अपने मन को लेकर चलने के लिए तैयार नहीं । अगर अपने आप में सती बन जाती हो तो आपका पति शंकर के जैसा हो जाएगा । मौके पर उपस्थित नर नारी ने भाव विभोर होकर कथा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । सुंदर-सुंदर भजनों और संगीत बीच-बीच में जयकारा से पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा । मौके पर पंडित विजय पांडेय , अमरजीत ओझा , व्यास गोलू चौबे ,मंटू जी बलम , नारायण तबला वादक , अजीत कुमार मलीक , नित्यानंद मिश्रा , राजु कुमार शिक्षक , प्रमोद कुमार , अरुण , विनोद कुमार सिंह , पिंटू , लक्ष्मण सहित नगर परिषद के सदस्य गण के साथ साथ काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *