वीमेंस कॉलेज की छात्राओं से अमेरिकन डिप्लोमेट ने किया ऑनलाइन संवाद,

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जमशेदपुर : वीमेंस कॉलेज की छात्राओं के साथ बुधवार को शाम तीन बजे अमेरिकन डिप्लोमेट मारिया शाॅइ ने ऑनलाइन संवाद किया। संवाद सत्र में काॅलेज के विभिन्न विभागों की कुल 15 छात्राओं ने हिस्सा लिया। संवाद सत्र की अध्यक्षता करते हुए केयू की माननीया पूर्व कुलपति सह वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर शुक्ला महांती ने कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने में वीमेंस कॉलेज एजुकेशनल कोलैबोरेशन की दिशा में तैयार है। जल्दी ही एक कार्यशाला के जरिए छात्राओं को यूएसए में उच्च शिक्षा, फुलब्राईट स्काॅलरशिप, रोजगार जैसी संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए यूएसए गये भारतीय छात्र छात्राओं का बड़ा योगदान वहाँ की इकोनाॅमी में है। मारिया शाॅइ ने भी इसे स्वीकार किया और कहा कि भारतीय प्रोफेशनल्स वहाँ अपेक्षाकृत अधिक वेतन पाते हैं। छात्राओं की तरफ से आये हुए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रति अमेरिका में बहुत आदर है। वहाँ भारतीय व्यक्ति को यहाँ कि तहत दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय या प्रांतीय आधार पर नहीं जाना जाता। सभी को भारतीय समझा जाता है और भारतीय संस्कृति व जीवन दर्शन को महत्व दिया जाता है।

भारत की न्यू एजुकेशन पाॅलिसी में दुनिया भर की उच्च शिक्षण संस्थानों के रास्ते भारत के लिए खोलने की उन्होंने तारीफ की और कहा कि इससे प्रतिस्पर्धी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तय हो सकेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग को तवज्जो नहीं दी जाती। बल्कि सभी संस्थाओं को विशेषीकृत दक्षता का बनाया जाता है। कहा कि वहां विद्यार्थियों को गैप ईयर की सुविधा दी जाती है जिसमें अपनी रुचियों और हुनर को और विकसित कर सकें। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो छवि भारत की अमेरिका में है अमेरिका की भारत में है, उससे अलग छवि ओटीटी या दूसरे प्लेटफार्म के माध्यम से बन रही है। कोलकाता में यूनाइटेड स्टेट्स – इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन की प्रतिनिधि शेवंती नारायण ने वीमेंस कॉलेज के साथ जुड़कर जल्दी ही अमेरिका में उच्चतर पढ़ाई और जाॅब के लिए साझा कार्य योजना बनाने की बात कही। कहा कि वहां भारतीय मस्तिष्क की बहुत मांग है और आने वाले दिनों में वहां श्वेत लोगों की संख्या मेजाॅरिटी में नहीं रहेगी। एक कंपोजिट इंडो अमेरिकन कल्चर तेजी से उभरा है।
अमेरिकन कंसुलेंट की तरफ से ऐश्वर्या मंडल और शेवंती नारायण ने तथा वीमेंस कॉलेज की तरफ से अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डाॅ. मनीषा टाईटस ने संयोजन किया। छात्राओं की तरफ से ऐश्वर्या झा, प्रिया झा, मल्लिका राणा, प्रिया कुमारी, अंकिता बनर्जी, प्रंशसा तिवारी, शालिनी प्रसाद, गौसी, श्रेया, आकांक्षा प्रियदर्शिनी, अपर्णा कुमारी, उर्मिला किस्कू, शिल्पी कुमारी, मेघावती भौमिक ने हिस्सा लिया। तकनीकी समन्वयन का कार्य ज्योतिप्रकाश महांती, तपन कुमार मोदक, भागीरथी कुमार व रंजीत कुमार ने किया।

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