

टोक्यो ओलिंपिक (जापान): शनिवार को भारतीय खेल इतिहास में ऐसा दिन आया, जिसकी मिसाल हमेशा भारतीय खेल जगत में दी जाएगी. मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिला दिया है. उन्होंने 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में टोटल 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर जीता. इस तरह देश को वेटलिफ्टिंग में 21 साल बाद ओलिंपिक मेडल मिला है. इससे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने ब्रॉन्ज जीता था. मीराबाई की सफलता इस मायने में खास हो जाती है कि वे 2016 रियो ओलिंपिक में अपने एक भी प्रयास में सही तरीके से वेट नहीं उठा पाई थीं. उनकी हर कोशिश को डिस-क्वालिफाई कर दिया गया था.

मीराबाई ने ओलिंपिक में जाने से पहले कहा था कि मैं टोक्यो ओलिंपिक में जरूर मेडल जीतूंगी. मेरे पास ओलिंपिक खेलने का अनुभव है. मैं अपने पहले ओलिंपिक में मेडल जीतने से चूक गई थी. तब अनुभव की कमी के कारण मैं मेडल जीतने में सफल नहीं हो सकी थी. आम से लेकर खास तक का मीराबाई को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया, मीराबाई देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं और उन्हें हर बड़े प्लेटफॉर्म पर सर्च किया जाने लगा.
Family members and neighbours of @mirabai_chanu gathered together to watch her lift at #Tokyo2020. Her victory filled everyone with immense joy and turned this gathering into a gala celebration.#Cheer4India @PMOIndia @ianuragthakur @NisithPramanik @NBirenSingh pic.twitter.com/SLMnsuUCTI
— SAIMedia (@Media_SAI) July 24, 2021
मणिपुर की रहने वाली मीराबाई चानू के टोक्यो ओलिंपिक के लिफ्टिंग मैच को देखने के लिए उनके परिवार के सदस्य और पड़ोसी उनके घर पर उसकी लिफ्ट देखने के लिए भारी संख्या में एकत्र हुए
चानू ने साल 2014 में ग्लास्गो में हुए 48 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था, जबकि इन्हीं खेलों में साल 2028 में गोल्ड कोस्ट में चानू ने खेलों का रिकॉर्ड भी तोड़ा. बहरहाल, ओलिंपिक से पहले उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि सा 2017 में अमरीका में हुयी विश्व चैंपियनशिप में आई, जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. यह एक और प्रतियोगिता रही जब लगा कि चानू ओलिंपिक में भी पदक जीत सकती हैं और भारत सरकार और खेल मंत्रालय ने अलग-अलग स्कीमों के तहत उनकी हौसलाअफजाई में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी.
खेलरत्न और पद्मश्री भी जीत चुकी हैं
8 अगस्त को 1994 को जन्मीं मीराबाई विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रकुल खेलों में कई बार पदक जीत चुकी हैं. साल 2018 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेलरत्न से नवाजा था, तो वह देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री भी जीत चुकी हैं.

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