प्रखंड समन्वयक के साथ सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार

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कोचस (रोहतास):- बिहार राज्य के सभी प्रखंडों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण ) एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का सफल संचालन करने के लिए प्रखंड समन्वयक का बहाली किया गया। बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2011 से प्रखंड समन्वयक के पद पर योगदान कराना शुरू कर दिया गया तब तक प्रखंड समन्वयक का मानदेय मात्र 7000 हुआ करता था एवं ₹1000 ट्रैवलिंग एलाउंस के रूप में मिलता था। कुछ दिनों के बाद इसे ₹11500 मानदेय के रूप में विभाग द्वारा पदस्थापित प्रखंड समन्वयक को देने का निर्णय लिया गया ।

यह सभी प्रखंड समन्वयक लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधीन प्रखंड समन्वयक के पद पर कार्य करते रहें । प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार सरकार द्वारा पुन: रिक्त पदों पर नियुक्ति करने हेतु वर्ष 2015 में विज्ञापन निकाला गया । प्रखंड समन्वयक का पद एक प्रखंडस्तरीय पर्यवेक्षक पदाधिकारी के कार्यशैली में होता है । प्रखंड स्तर पर खुले में शौच से मुक्ति कार्यक्रम की जवाबदेही प्रखंड समन्वयक के माथे पर भी दे दी गई । बिहार के सभी प्रखंड समन्वयक ने अपने कर्तव्यनिष्ठता अपनी ईमानदारी तथा वफादारी के साथ सरकार के सबसे महत्वपूर्ण योजना खुले में शौच मुक्त योजना को सफल बनाने का कार्य किया लेकिन सरकार के द्वारा प्रखंड समन्वयक के संवेदना पर कहीं विचार नहीं किया गया।

एपेक्स कमिटी के निर्णय के कई वर्षों के बाद सरकार के विभाग द्वारा 25000 मानदेय को लागू किया गया । रिक्त पदों पर बिहार सरकार द्वारा 2020 में नई बहाली करने का प्रायोजन तैयार हुआ। उक्त विज्ञापन के आलोक में 2021 में खाली पड़े प्रखंडों में प्रखंड समन्वयक को पदस्थापित किया गया। इतने लंबे वर्षों के बाद भी नवनियुक्त प्रखंड समन्वयक को भी मात्र ₹25000 मानदेय के रूप में सरकार के द्वारा दिया गया । राज्य संघ के मांग पत्र के आलोक में राज्य सरकार एवं विभाग के द्वारा थोड़ी सी अनुभव आधारित एक्सपीरियंस इंसेंटिव के रूप में कुछ प्रखंड समन्वयक को लाभ दिया गया ,अत्यधिक प्रखंड समन्वयक को एक्सपीरियंस इंसेंटिव राशि से वंचित कर दिया गया। सबसे आश्चर्य है कि स्वच्छता विभाग में प्रखंड स्तर पर प्रखंड समन्वयक को कार्य एवं उत्तरदायित्व की जिम्मेवारी दे दी गई लेकिन पंचायत स्तर पर उक्त कार्य को करने के लिए स्थाई रूप से किसी भी प्रकार का मानव बल प्रखंड समन्वयक के साथ नहीं लगाया गया है।

विकास मित्र ,ग्रामीण आवास सहायक, पंचायत रोजगार सेवक ,किसान सलाहकार यह सभी लोग अपने-अपने विभाग के पंचायत स्तरीय मानव बल हैं लेकिन लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान को पंचायत स्तर पर कोई मानव बल नहीं दिया गया जिसके कारण दूसरे विभाग के पंचायत स्तरीय कर्मियों से लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रखंड समन्वयक सरकार के द्वारा दिए गए निर्देश का अनुपालन ससमय कराने का कार्य करते हैं । बिहार राज्य प्रखंड समन्वयक संघ का गठन बिहार के सभी प्रखंड समन्वयक को ने मिलकर किया जिसका कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से श्रीकृष्ण सिंह को चुना गया । कुछ महिला प्रखंड समन्वयक को भी जिला से काफी दूर पदस्थापित कर दिया गया। बिहार बिल्कुल रोगमुक्त होने की स्थिति में रहेगा इतने महत्वपूर्ण कार्य योजना को धरातल पर उतारने वाले प्रखंड समन्वयक के लिए सरकार के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है

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