

न्यूजभार20 डेस्क:- भारत के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की वृद्धि दर फरवरी 2025 में घटकर 2.9 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जनवरी 2025 में यह 5 प्रतिशत थी। इस गिरावट का मुख्य कारण विनिर्माण, खनन और बिजली जैसे प्रमुख क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है। वर्ष दर वर्ष तुलना करें तो, फरवरी 2024 में IIP 4.9 प्रतिशत था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती आई है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि देश की औद्योगिक अर्थव्यवस्था फिलहाल दबाव में है। आंकड़ों के अनुसार, खनन उत्पादन की वृद्धि दर फरवरी 2024 में 8.1 प्रतिशत थी, जो फरवरी 2025 में घटकर सिर्फ 1.6 प्रतिशत रह गई। यह गिरावट खनन गतिविधियों की धीमी गति और संभावित रूप से वैश्विक मांग में कमी का संकेत देती है।

इसी तरह, विनिर्माण क्षेत्र, जो IIP में सबसे अधिक योगदान देता है, उसमें भी कमजोरी देखी गई है। बिजली उत्पादन भी अपेक्षाकृत कमजोर रहा, जिससे कुल औद्योगिक वृद्धि प्रभावित हुई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) देश में औद्योगिक गतिविधियों की गति को मापने वाला एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है। इसमें खनन, विनिर्माण और बिजली तीन मुख्य क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। यह सूचकांक यह बताने में मदद करता है कि अर्थव्यवस्था में उत्पादन गतिविधियाँ किस दिशा में जा रही हैं। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह गिरावट मांग में कमी, वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू निवेश की धीमी गति से जुड़ी हो सकती है। उनका यह भी मानना है कि यदि अगले कुछ महीनों में सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह मंदी का संकेत हो सकता है। सरकार की ओर से फिलहाल किसी तात्कालिक राहत या प्रोत्साहन की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इस गिरावट के बाद नीतिगत बदलावों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।