

न्यूजभारत20 डेस्क:- झारखंड समेत पूरे देश में सोने की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की नींद उड़ा दी है। राज्य में सोने को अब ‘लखटकिया सोना’ कहा जाने लगा है, क्योंकि एक तोला (10 ग्राम) सोना 1 लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है। बीते चार वर्षों में इसकी कीमतों में लगभग दोगुना इजाफा हुआ है, जिससे खासकर मध्यम वर्गीय और निम्न आयवर्ग के परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। सोना पारंपरिक रूप से भारतीय शादियों का अहम हिस्सा रहा है, लेकिन अब बढ़ती कीमतों के चलते झारखंड के कई परिवार शादी में गहनों की मात्रा घटा रहे हैं या कृत्रिम गहनों की ओर रुख कर रहे हैं। ज्वैलर्स के अनुसार, इस बार शादी के सीजन में मांग में लगभग 30-40% की गिरावट देखी गई है।धनबाद निवासी सीमा देवी, जिनकी बेटी की शादी अगले महीने है, कहती हैं, “हमने सोचा था कि बेटी को कम से कम 5 तोला सोना देंगे, लेकिन अब दो तोला देना भी मुश्किल हो रहा है। हमें कुछ गहने नकली लेने पड़ेंगे।”

विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक अस्थिरता, डॉलर की मजबूती, और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसे वैश्विक कारणों के साथ-साथ भारत में बढ़ती मांग ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। रांची के एक प्रमुख ज्वैलर्स, अमित सर्राफ कहते हैं, “इस बार शादी के सीजन में ग्राहक तो आ रहे हैं, लेकिन खरीदारी बेहद सीमित हो गई है। पहले जहां 5-7 तोला के सेट चलते थे, अब ग्राहक 1-2 तोला तक ही सीमित हो रहे हैं।” सोने के महंगे होने के चलते नकली गहनों, चांदी और प्लेटेड जूलरी की मांग बढ़ रही है। दुकानदारों के मुताबिक, अब लोग दिखावे के लिए सोने की तरह दिखने वाले विकल्प अपना रहे हैं। झारखंड में सोने की कीमतों ने आम लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डाला है, खासकर शादी-ब्याह जैसे पारंपरिक आयोजनों पर। अब देखना होगा कि सरकार या बाज़ार में कोई स्थिरता आती है या नहीं।