Amazon Pay को मजबूत करने के लिए अमेज़न ने लगाए 350 करोड़

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न्यूजभारत20 डेस्क:- ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न ने अपनी डिजिटल भुगतान शाखा Amazon Pay India में 3.5 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके ₹350 करोड़ का ताज़ा निवेश किया, जिससे कंपनी को भारत के तीव्र प्रतिस्पर्धी फिनटेक क्षेत्र में अपनी पकड़ और मज़बूती से स्थापित करने में मदद मिलेगी।  अमेज़न ने इस निवेश के साथ पिछले दस महीनों में कुल ₹1,250 करोड़ का पूंजी प्रवाह सुनिश्चित किया है, जिसमें जून 2024 में ₹600 करोड़ और नवंबर 2024 में ₹300 करोड़ के दो निवेश पहले ही शामिल हैं। यह लगातार निवेश श्रृंखला अमेज़न की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाती है, जो भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में स्थाई हिस्सेदारी बनाने पर केंद्रित है। NPCI के डेटा के अनुसार, मार्च 2025 में UPI लेन-देन मात्रा के आधार पर Amazon Pay आठवें स्थान पर रहा, जहाँ इसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 0.6% थी। वहीं अग्रणी प्लेटफ़ॉर्म PhonePe और Google Pay ने मिलकर कुल UPI लेन-देन का करीब 85% हिस्सा नियंत्रित किया। Amazon Pay, Paytm, Navi, Super.money, Axis Bank, और Cred जैसे प्रतिस्पर्धियों से भी पीछे है, जो इस क्षेत्र में तीव्र प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।

फिनटेक सेवाओं के विस्तार के लिए Amazon Pay India ने फरवरी 2024 में Reserve Bank of India से Payment Aggregator (PA) लाइसेंस प्राप्त किया, जो इसके मर्चेंट पेमेंट व्यवसाय को विस्तार देने में सहायक सिद्ध होगा। इससे पहले कंपनी को Prepaid Payments Instrument (PPI) यानी वॉलेट लाइसेंस भी मिल चुका था, जिसने इसे ग्राहक-से-प्रति-कारोबार सेवाएँ विकसित करने का अधिकार प्रदान किया।

Amazon Pay India निम्नलिखित प्रमुख सेवाएँ पेश करता है:

  • UPI लेन-देन

  • बिल भुगतान

  • बीमा प्रीमियम भुगतान

प्रिपेड वॉलेट
इनके अलावा, कंपनी ने BookMyShow, MakeMyTrip, RedBus, IRCTC, और Kuvera जैसे ब़ड़े प्लेटफ़ॉर्म के साथ साझेदारी की है, ताकि टिकट बुकिंग, यात्रा और वेल्थ मैनेजमेंट क्षेत्रों में कदम बढ़ाया जा सके। वित्तीय वर्ष 2023–24 में (मार्च 2024 को समाप्त तिमाही), Amazon Pay India की ऑपरेटिंग राजस्व में 9.22% की वृद्धि हुई, जो ₹2,286 करोड़ से बढ़कर ₹2,286.9 करोड़ हो गई। इसी अवधि में कंपनी ने अपने नुकसान को 39% तक घटाकर ₹911.2 करोड़ कर लिया, जो पिछले वर्ष के ₹1,499 करोड़ से काफी कम है। कुल व्यय ₹3,280 करोड़ रहा, जिसमें कर्मचारी लाभ व्यय मामूली रूप से ₹216.4 करोड़ पर आ गया। इस निवेश का एक प्रमुख उद्देश्य Flipkart की फिनटेक शाखा Super.money के साथ प्रतिस्पर्धा का सामना करना भी है।

जनवरी 2025 में रिपोर्ट हुई कि Flipkart Super.money के लिए $35–40 मिलियन की फंडराउंडिंग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिससे नई बाहरी निवेशकों की क्षमता बढ़ सकती है। इस कदम से अमेज़न संदेश देना चाहता है कि वह मिलने वाली चुनौती को गंभीरता से ले रहा है। बैंकरों और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में Merchant Discount Rate (MDR) जैसी नीतियाँ पुनः प्रवर्तित करना जरूरी होगा, ताकि छोटे और मध्यम स्तर के भुगतान प्रदाताओं को टिकाऊ व्यवसाय मॉडल बनाए रखने में सहूलियत मिले। Payments Council of India (PCI) ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजा है, और Amazon Pay India के सीईओ विकास बंसल ने भी MDR लागू करने की वकालत की है।

भारत में UPI लेन-देन मात्रा मार्च 2025 में 18.30 अरब तक पहुंची, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36% की वृद्धि को दर्शाती है। इस तेजी के बीच अमेज़न का लगातार निवेश इस बात का संकेत है कि कंपनी इस उभरते हुए बाजार में लंबी अवधि के अवसरों को भुनाना चाहती है। आगे की चुनौतियों में उपयोगकर्ता सक्रियता बढ़ाना, नवाचार के माध्यम से राजस्व उत्पन्न करना, और प्रतिस्पर्धी फीस संरचनाओं के माध्यम से वॉल्यूम लाना शामिल है। अमेज़न की मौजूदा रणनीति, जिसमें पूंजी प्रवाह, लाइसेंसिंग, और भागीदारी शामिल हैं, यह तय करेगी कि Amazon Pay India आने वाले वर्षों में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का कितना हिस्सा अपने नाम कर पाता है।

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