विश्व टीकाकरण सप्ताह पर JP नड्डा ने खसरा–रूबेला उन्मूलन की जिम्मेदारी ली

Spread the love

न्यूजभारत20 डेस्क:- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विश्व टीकाकरण सप्ताह (24–30 अप्रैल) के अवसर पर भारत सरकार के बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय शून्य खसरा–रूबेला अभियान 2025–26 (National Zero Measles-Rubella Campaign) का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य भारत को 2026 तक खसरा और रूबेला-मुक्त राष्ट्र बनाना है, जो कि भारत की सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के तहत एक महत्त्वपूर्ण पहल है।

अभियान के मुख्य उद्देश्य:

  • 2026 तक खसरा और रूबेला का पूर्ण उन्मूलन
  • 100% टीकाकरण कवरेज — “कोई बच्चा पीछे न छूटे” के मंत्र के साथ
  • दो खुराक (Measles-Rubella Vaccine) मुफ्त प्रदान की जाएंगी
  • देशभर के 332 जिलों को खसरा-मुक्त और 487 जिलों को रूबेला-मुक्त घोषित करने का लक्ष्य

जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की सफलता की कहानी तब तक अधूरी है जब तक हम खसरा और रूबेला जैसी बीमारियों से बच्चों को पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर लेते। जैसे हमने पोलियो को खत्म किया, वैसे ही अब हमारा अगला लक्ष्य खसरा और रूबेला को शून्य स्तर तक लाना है।”

अभियान की विशेषताएँ:

  • ‘Action Now’ नीति के तहत तेज़ी से क्रियान्वयन
  • राज्यों को मल्टी-भाषी IEC (Information, Education, Communication) सामग्री भेजी गई है
  • टीकाकरण कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और जनजागरूकता अभियान
  • स्कूल, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी

भारत ने 2017 में Measles-Rubella अभियान की शुरुआत की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ के सहयोग से यह अभियान देश के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचने में सफल रहा। लेकिन COVID-19 महामारी के दौरान इस प्रयास को झटका लगा, जिससे 100% कवरेज का लक्ष्य अधूरा रह गया। अब यह नया ड्राइव उस प्रयास को गति देने के लिए तैयार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने इस पहल की सराहना की है और भारत को तकनीकी और लॉजिस्टिक सहयोग देने का वादा किया है। WHO के अनुसार, खसरा दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारियों में से एक है, और इसका उन्मूलन टीकाकरण के ज़रिए पूरी तरह संभव है। इस अभियान के साथ, भारत एक बार फिर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य नेतृत्व की ओर अग्रसर है। स्वास्थ्य मंत्रालय का यह प्रयास आने वाले वर्षों में लाखों बच्चों की जान बचा सकता है और भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित रख सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *