

बिक्रमगंज /रोहतास (संवाददाता ):- व्यवहार न्यायालय के अधिवक्तओं ने मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय पटना को पत्र भेज कर व्यवहार न्यायालय में एडीजे का न्यायालय स्थापित कर विशेष न्यायालय में मुकदमे का विचारण सुनिश्चित करने, विद्युत अधिनियम के मुकदमे के पूर्व की तरह व्यवहार न्यायालय में सुनवाई करने, निगोशियेबुल इन्सट्रुमेंट एक्ट के मुकदमे को अनुमंडल व्यवहार न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी में पावर भेस्ट करके मुकदमे का विचारण करने, वारंट ट्रायल, समन ट्रायल एवं समरी ट्रायल के मुकदमे का स्पेशल पावर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में अवस्थित न्यायिक पदाधिकारी में निहित करने, प्रत्येक माह में सब जज को सिविल के पांच कन्टेस्टेड मुकदमे का फैसला करने का निर्देश दिये जाने सहित कई मांगे रखी है । अपनी मांगों से संबंधित पत्र मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय पटना के अलावा महामहिम राज्यपाल बिहार मुख्यमंत्री बिहार और मुख्य सचिव को भी भेजा है । अधिवक्ता विजय कुमार, रविरंजन कुमार, विनय कुमार सिंह , पंकज राय, अभिषेक कुमार सिन्हा, रविशंकर सिंह, विजय कुमार सिंह सहित कई अधिवक्ताओं ने कहा कि सस्ता और सुलभ एवं त्वरित न्याय दिलाने के उदेश्य से न्यायपालिका का विकेंद्रीकरण सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन हाल की स्थिति में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में यह योजना कारगर नहीं हो रहा है।

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