

न्यूजभारत20 डेस्क:- अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिकी प्रशासन ने मंगलवार को चीन से आने वाले कुछ उत्पादों पर 104% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का फैसला किया है। यह नया टैरिफ 10 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो जाएगा। इस कदम को अमेरिका द्वारा चीन की “अनुचित व्यापारिक प्रथाओं” के खिलाफ उठाया गया सख्त कदम माना जा रहा है। यह टैरिफ विशेष रूप से स्टील, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, और हाई-टेक उत्पादों जैसे क्षेत्रों पर लागू होगा। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि यह निर्णय अमेरिका के घरेलू उद्योगों की रक्षा और वैश्विक बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। “चीन की सब्सिडी आधारित उत्पादन नीति हमारे उद्योग के लिए खतरा है। यह टैरिफ अमेरिकी निर्माण क्षेत्र को मजबूती देगा,” – अमेरिकी वाणिज्य सचिव। जानकारी के अनुसार, 104% तक का यह नया टैरिफ निम्नलिखित उत्पादों पर लागू किया जाएगा:

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इलेक्ट्रिक वाहन (EVs)
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स्टील और एल्युमीनियम उत्पाद
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सोलर पैनल
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सेमीकंडक्टर उपकरण
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एडवांस मशीनरी
चीन ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यह कदम “अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन” है और इससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहराएगा। “हम अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे,” – चीन का आधिकारिक बयान। इस टैरिफ के ऐलान के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में हलचल देखी गई। टेक और ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकता है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और EV सेगमेंट में। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक विवाद कोई नया नहीं है। 2018 से शुरू हुए इस “ट्रेड वॉर” में दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर कई बार भारी शुल्क लगाया है। यह नया टैरिफ उस पुराने तनाव की अगली कड़ी माना जा रहा है। अमेरिका का यह नया टैरिफ फैसला न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक निवेशकों, निर्माताओं और उपभोक्ताओं पर भी इसका असर दिखेगा। अब सबकी निगाहें चीन की अगली रणनीति पर टिकी हैं, जो बदले में अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।