न्यूजभारत20 डेस्क/आदित्यपुर:-
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र फेज एक स्थित हाइको इंजिनियर्स कंपनी में गुरुवार को ईडी, प्रवर्तन निदेशालय रांची की टीम रेड करने नहीं बल्कि कंपनी के नाम कोलकाता के बैंक में फर्जीवाड़ा कर शेल कंपनी तैयार किए जाने के बाद वित्तीय अनियमित मामले को लेकर कंपनी का पक्ष जानने पहुंची थी। इस बीच कंपनी में ईडी की छापामारी से प्रबंधन व ईडी के अधिकारी हलकान रहे।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए हाईको इंजिनियर्स कंपनी के निदेशक तापस साहू ने बताया कि हमारी कंपनी हाईको इंजिनियर्स के नाम से वर्ष 2012 में कोलकाता में एक फर्जीवाड़ा कर हमारे नाम के शेल कंपनी को तैयार किया गया था. जिसमें कोलकाता के यूको बैंक में फर्जी दस्तावेज तैयार कर फार्म 32 में डायरेक्टर विकास महापात्र ,और सुप्रियो राय के नाम से जाली दस्तावेज तैयार किए गए। जाली दस्तावेज में कंपनी के जॉब नेचर को ट्रेडिंग दिखाया गया जो कि सरासर गलत है। इन्होंने बताया कि उस वक्त कंपनी में चार पार्टनर थे जिनमें मुख्य रूप से संजय सिंह, तापस साहू ,राजीव रंजन, सतीश साहू शामिल थे। लेकिन तमाम फर्जी दस्तावेज और कागजात तैयार कर कंपनी के नाम पर जालसाजी की गई। उस वक्त मामला सेंट्रल एक्साइज विभाग के पास पहुंचा। तब एक्साइज विभाग ने जांच में पाया कि फर्जी कंपनी तैयार किया गया है। वर्ष 2013 से 2021 तक फर्जीवाड़ा संबंधित मामला जांच में चलता रहा. इस बीच सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने कंपनी को क्लीन चिट दे दी. यूको बैंक का केनरा बैंक में विलय होने के बाद मामला फिर से उठा. 2022 में भी हाईको कंपनी में जांच करने सीबीआई टीम आई थी. इसके बाद कंपनी द्वारा सभी असली कागजात टीम के समक्ष पेश किया गया था. इस मामले के बाद कंपनी प्रबंधन ने फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत सीबीआई डायरेक्टर, आरबीआई गवर्नर इकोनामिक ऑफेंस विंग ,इनकम टैक्स कमिश्नर, केनरा बैंक जीएम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया समेत सभी जांच एजेंसी को की थी। वर्तमान में मामला ईडी के पास पहुंचा था। इसी मामले में ईडी कंपनी प्रबंधन से स्पष्टीकरण और कागजात की जांच करने पहुंची थी।
भ्रामक खबरों के चलते प्रबंधन ईडी अधिकारी हुए परेशान
गुरुवार सुबह 11 बजे मामले को लेकर रांची ईडी की टीम स्पष्टीकरण जांच को पहुंची थी। इस बीच ईडी रेड संबंधित खबरें सोशल मीडिया में प्रकाशित होने के चलते कंपनी प्रबंधन और ईडी से जुड़े अधिकारी परेशान रहे. कंपनी के डायरेक्टर तापस साहू ने बताया कि 3 घंटे तक ईडी ने वित्तीय अनियमिता होने मामले संबंधित कागजात जांच किए हैं ।ना तो किसी कर्मचारी के आवागमन पर रोक थी। ना ही किसी का फोन ज़ब्त किया गया था. सौहार्दपूर्ण माहौल में
अधिकारियों ने जांच किया हैं।