

न्यूजभारत20 डेस्क:- आज दुनियाभर में गुड फ्राइडे श्रद्धा और सादगी के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन ईसा मसीह की मृत्यु को याद करने के लिए समर्पित है, जिन्हें मानवता के कल्याण और पापों से मुक्ति दिलाने के लिए क्रूस पर चढ़ाया गया था गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे ईस्टर संडे से दो दिन पहले शुक्रवार को मनाया जाता है। बाइबिल के अनुसार, इसी दिन यीशु मसीह को यरूशलम में सूली पर चढ़ाया गया था। उन्होंने प्रेम, करुणा और क्षमा का संदेश देते हुए मानवता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हालांकि यह दिन ईसा मसीह की मृत्यु का प्रतीक है, फिर भी इसे ‘गुड फ्राइडे’ यानी ‘शुभ शुक्रवार’ कहा जाता है।

इसके पीछे मान्यता है कि यीशु के बलिदान से मानव जाति को मोक्ष मिला। उनके शहादत ने पापों से मुक्ति और परमात्मा से जुड़ने का रास्ता खोला, इसलिए इसे ‘गुड’ कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं और सभाएं होती हैं। इस दिन कोई उत्सव या सजावट नहीं की जाती। ईसाई समुदाय के लोग उपवास रखते हैं और शांति व साधना में समय बिताते हैं। भारत में भी गोवा, मुंबई, केरल, मणिपुर और नागालैंड जैसे राज्यों में यह दिन सरकारी अवकाश के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे हमें सिखाता है कि बलिदान, क्षमा और प्रेम से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती। यह दिन न केवल ईसाइयों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा है कि जीवन में अच्छाई के लिए संघर्ष और समर्पण जरूरी है।