हाई कोर्ट ने ‘अंग कटाई व्यापार’ मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी…

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न्यूजभारत20 डेस्क:- केरल उच्च न्यायालय ने चिकित्सा पर्यटन की आड़ में मानव अंगों की संदिग्ध अंतर्राष्ट्रीय तस्करी के संबंध में दर्ज मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक साजिथ श्याम की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। उनकी याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सी.एस. डायस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाया गया आरोप बहुत गंभीर और गंभीर है। यदि आरोप सही थे, तो यह एक ऐसा मामला था जिसकी गहन जांच की आवश्यकता थी। अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट और केस डायरी का अध्ययन करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए सामग्री है कि फरार पहले आरोपी मधु जयकुमार और याचिकाकर्ता के बीच मौद्रिक लेनदेन और मोबाइल फोन पर बातचीत हुई थी। अपराध की गंभीर एवं जघन्य प्रकृति को देखते हुए याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा किये जाने का हकदार नहीं है। अदालत ने कहा कि सत्र अदालत द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज करने के लिए बताए गए कारण उचित थे। सरकारी वकील ने बीए रीड इन ऐप का विरोध करते हुए कहा कि नोटिसकर्ता का पहले आरोपी के साथ संबंध था, उसने पहले आरोपी के निर्देशानुसार पैसे एकत्र किए और मेडिकल टूरिज्म के लिए बनाए गए एक क्लब के खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। जांच से पता चला था कि वे मेडिकल टूरिज्म की आड़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग व्यापार करने वाले एक बड़े रैकेट का हिस्सा थे। याचिकाकर्ता की अपराध में संलिप्तता को साबित करने के लिए सामग्री थी। जांच शुरुआती चरण में थी और पहला आरोपी विदेश में छिपा हुआ था। मामले की गहन जांच की आवश्यकता है क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय संबंध शामिल हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच अपने हाथ में लेने का प्रस्ताव रखा क्योंकि इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो गए थे। यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया गया, तो जांच को नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना थी। द ए रीड इन ऐप ने देश के विभिन्न हिस्सों से युवाओं को ईरान के अस्पतालों में ले जाकर एक अंतरराष्ट्रीय अंग तस्करी की पेशकश की।
गहन जांच क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन शामिल हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच अपने हाथ में लेने का प्रस्ताव रखा क्योंकि इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव थे। यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया गया, तो जांच को नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना थी। आरोपी ने देश के विभिन्न हिस्सों से युवाओं को ईरान के अस्पतालों में ले जाकर उन्हें स्वेच्छा से किडनी दान करने पर अच्छी खासी रकम देने की पेशकश करके अंतरराष्ट्रीय अंग कटाई तस्करी का संचालन किया था। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह निर्दोष है और अपराध में शामिल नहीं था। चूंकि जांच अब पूरी हो गई है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जा सकता है क्योंकि वह मई 2025 से जेल में थे।

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