झारखंड में जमीन संबंधी कार्यों को मिलेगी रफ्तार, फटाफट निपटेंगे दाखिल-खारिज केस

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न्यूजभारत20 डेस्क:- झारखंड में जमीन से जुड़ी दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) प्रक्रिया को लेकर अब आम जनता को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य के विभिन्न जिलों में उपायुक्तों ने इस प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्तों ने स्पष्ट किया है कि दाखिल-खारिज मामलों में अनावश्यक देरी, अस्वीकृति या फाइल लटकाने जैसी शिकायतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दाखिल-खारिज मामलों का निपटारा तय समय सीमा में किया जाएगा। प्रत्येक अंचल अधिकारी को अपने क्षेत्र के लंबित मामलों की समीक्षा कर 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। आवेदकों को म्यूटेशन की स्थिति की ऑनलाइन जानकारी मिल सके, इसके लिए आईटी सिस्टम को और मजबूत किया जा रहा है।

जिलों में विशेष मॉनिटरिंग टीमों का गठन किया जा रहा है जो दाखिल-खारिज मामलों की नियमित समीक्षा करेंगी। “भूमि से संबंधित मामलों में पारदर्शिता और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। आम लोगों को न्याय समय पर मिले, यही हमारी प्राथमिकता है। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।” राज्य सरकार पहले ही दाखिल-खारिज प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की दिशा में कई कदम उठा चुकी है। ‘जमाबंदी ऑनलाइन’ और ‘आपका अधिकार, आपकी सरकार’ जैसे पोर्टलों के जरिए आवेदक अब घर बैठे आवेदन कर सकते हैं और प्रक्रिया की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं। जनहित को देखते हुए यह निर्णय राज्य प्रशासन के डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।

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