12वीं तक के शिक्षकों के लिए झारखंड में आकलन परीक्षा का आदेश, क्या है सरकार का उद्देश्य?

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न्यूजभारत20 डेस्क:- झारखंड सरकार ने राज्य के 12वीं तक के सभी शिक्षकों के लिए आकलन परीक्षा अनिवार्य कर दी है। इस कदम का उद्देश्य शिक्षकों की क्षमता और शिक्षण गुणवत्ता का मूल्यांकन करना है, ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाया जा सके। सरकार के अनुसार, यह परीक्षा शिक्षकों के पेशेवर कौशल और शिक्षण विधियों को जांचने का एक तरीका होगा, जिससे शिक्षा स्तर को बेहतर किया जा सके। झारखंड सरकार के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार लाने के लिए यह कदम जरूरी था। शिक्षकों का आकलन उनकी शिक्षण विधियों, ज्ञान और कक्षा प्रबंधन कौशल पर आधारित होगा। यह परीक्षा शिक्षकों की पात्रता और दक्षता का मूल्यांकन करेगी, ताकि उन्हें उनकी योग्यताओं के अनुसार प्रशिक्षण और सहायता दी जा सके।

यह आकलन परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में आयोजित की जा सकती है। शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि परीक्षा के दौरान विभिन्न शिक्षण मानकों का पालन किया जाएगा, जिनमें शिक्षण सामग्री की गुणवत्ता, कक्षा में बच्चों के साथ संवाद और शिक्षण रणनीतियों का आकलन किया जाएगा। परीक्षा में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों प्रकार के प्रश्न शामिल होंगे। इस निर्णय पर राज्य के कुछ शिक्षक संघों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ शिक्षक इसे एक सकारात्मक कदम मानते हुए अपने कौशल को सुधारने के लिए तैयार हैं, जबकि कुछ अन्य ने इसे अनावश्यक दबाव बताया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के काम का मूल्यांकन केवल कक्षा के प्रदर्शन पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें शिक्षक-छात्र संवाद, स्कूल के समग्र वातावरण और शिक्षण के अनुभव को भी शामिल किया जाना चाहिए।

सरकार का कहना है कि इस कदम से शिक्षकों की पेशेवर क्षमता में सुधार होगा, जो अंततः छात्रों के प्रदर्शन में बदलाव लाएगा। आकलन के परिणामों के आधार पर, शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपनी शिक्षण विधियों को और प्रभावी बना सकें। शिक्षकों के आकलन के बाद, सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रस्तावित किया है कि उन शिक्षकों के लिए समर्थन कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे जिनकी प्रदर्शन में सुधार की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। झारखंड सरकार का यह कदम राज्य में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो आगे चलकर छात्रों के परिणामों में सुधार ला सकता है।

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