

न्यूजभारत20 डेस्क:- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने दवा उद्योग को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि यदि वह फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो विदेशों से आयात होने वाली दवाओं पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अमेरिका की फार्मा कंपनियों को देश में वापस लाना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। धित करते हुए कहा: “अब हम दवाओं पर टैरिफ लगाएंगे। इससे विदेशी कंपनियों की निर्भरता घटेगी और अमेरिकी फार्मा कंपनियां देश में लौटेंगी। हम अमेरिका को फिर से मेडिकल मैन्युफैक्चरिंग का पावरहाउस बनाएंगे।” उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रशासन ने फार्मा उद्योग को चीन और भारत जैसे देशों के भरोसे छोड़ दिया है, जिससे न केवल अमेरिका की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ा है। डोनाल्ड ट्रंप का यह ऐलान आगामी 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनकी आर्थिक और व्यापारिक नीतियों का हिस्सा माना जा रहा है।

ट्रंप पहले भी ‘मेक इन अमेरिका’ और ‘अमेरिका फर्स्ट’ जैसी नीतियों को बढ़ावा देते रहे हैं। ट्रंप के इस ऐलान के बाद फार्मा और व्यापार जगत में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ लगाने से अल्पकालिक रूप से दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह घरेलू उत्पादन को गति देगा। वहीं कुछ ने आशंका जताई कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है। अमेरिका का फार्मास्युटिकल सेक्टर विश्व का सबसे बड़ा है, लेकिन उत्पादन का बड़ा हिस्सा अब विदेशों में शिफ्ट हो चुका है। चीन और भारत जैसे देशों से कच्चे माल और तैयार दवाओं की आयात निर्भरता भी तेजी से बढ़ी है। डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम अमेरिका की घरेलू दवा उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक प्रयास माना जा रहा है। यदि वे सत्ता में लौटते हैं, तो यह फैसला न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से, बल्कि वैश्विक फार्मा सप्लाई चेन पर भी बड़ा असर डाल सकता है।