

न्यूजभारत20 डेस्क:- जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग द्वारा स्नातक , सेमेस्टर-6 की छात्राओं के लिए तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया , जो 3 अप्रैल से 5 अप्रैल 2025 के बीच सम्पन्न हुआ । यह भ्रमण उनके पाठ्यक्रम के ‘ पर्यटन भूगोल ’ विषय के प्रायोगिक पत्र का हिस्सा था । इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को कक्षा की सीमाओं से बाहर निकाल कर प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थलों का प्रत्यक्ष अध्ययन कराना था। शिक्षिका मिस प्रीति और श्रीमती आरती शर्मा के नेतृत्व में छात्राओं ने झारखंड के पश्चिमी भाग में स्थित खूबसूरत पर्यटन स्थलों जैसे – नेतरहाट और पतरातू का भ्रमण किया। इन क्षेत्रों में स्थित अपने चट्टानी स्वरूप और जल प्रवाह के लिए प्रसिद्ध, झारखंड का सबसे ऊँचा लोध जलप्रपात है । सुग्गा जलप्रपात की शांत और सुरम्य छटा ने छात्राओं को प्राकृतिक पारिस्थितिकी के बारे में व्यावहारिक समझ प्रदान की , वहीं मैग्नोलिया सनसेट पॉइंट और कोयल सनराइज़ पॉइंट ने छात्राओं को दृश्य भूगोल के अध्ययन का अवसर प्रदान किया। छात्राओं ने नाशपाती बागान में क्षेत्रीय कृषि प्रणाली और मौसम की अनुकूलता का अवलोकन किया। ऊपरी घाघरी जलप्रपात, पाइन और साल के घने वन, पतरातू घाटी और झील जैसे स्थलों ने उन्हें जल प्रबंधन, और पर्यटन की संभावनाओं के बारे में गहन जानकारी दी। भ्रमण के दौरान छात्राओं ने देखा कि किस प्रकार ग्रामीण समुदाय पारंपरिक रूप से महुआ के फूलों को वन क्षेत्रों से एकत्र कर अपनी आजीविका चलाते हैं। यह क्रिया स्थानीय प्राथमिक आर्थिक गतिविधियों का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो मानव भूगोल की व्यावहारिक समझ को मजबूत करता है।

जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की माननीय कुलपति महोदया प्रो.(डॉ.) अंजिला गुप्ता के मार्गदर्शन में शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया । इस शैक्षणिक भ्रमण की सराहना करते हुए माननीय कुलपति महोदया ने कहा कि पर्यटन भूगोल में इस प्रकार के फील्ड विज़िट्स छात्राओं को जीवन से जोड़ती हैं एवं विषय की गहराई को समझने में सहायक सिद्ध होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह भ्रमण छात्राओं के भीतर शोध क्षमता तथा क्षेत्रीय विश्लेषण की योग्यता को विकसित करेगा ।
यह भ्रमण छात्राओं के लिए केवल एक पाठ्यक्रमगत अनिवार्यता नहीं था, बल्कि प्राकृतिक भूगोल, मानव भूगोल और आर्थिक भूगोल के विविध पक्षों को प्रत्यक्ष रूप से देखने-समझने और अनुभव का माध्यम बना ।