प्रधानमंत्री के गढ़ में BJP विधायक का वायरल वीडियो बना चर्चा का विषय

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न्यूजभारत20 डेस्क:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। वजह है भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी का एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है और विपक्ष ने भी इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। वायरल वीडियो में डॉ. नीलकंठ तिवारी कथित तौर पर एक सार्वजनिक स्थान पर कुछ ऐसा कहते या करते नजर आ रहे हैं, जो लोगों को चौंका रहा है। हालांकि वीडियो के पूरे संदर्भ की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है, लेकिन क्लिप के कुछ अंशों को विपक्षी दलों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने अलग-अलग अर्थों में लिया है।

वीडियो के सामने आते ही वाराणसी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा समर्थकों ने जहां इसे “संदर्भ से काटा गया और तोड़ा-मरोड़ा गया वीडियो” बताया है, वहीं विरोधी दलों ने इसे “भाजपा नेताओं का असली चेहरा” कहकर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने वीडियो के आधार पर भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह वीडियो भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को दिखाता है। समाजवादी पार्टी के स्थानीय प्रवक्ता ने कहा, “वाराणसी देश के प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। यहां के जनप्रतिनिधियों से संयम और मर्यादा की अपेक्षा की जाती है। यह वीडियो भाजपा की असल सोच को उजागर करता है।” भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के जिला अध्यक्ष ने कहा कि “वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।

इसे गलत तरीके से वायरल कर राजनीतिक साजिश रची जा रही है। नीलकंठ तिवारी एक जिम्मेदार नेता हैं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।” डॉ. नीलकंठ तिवारी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस करके स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। चूंकि मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का है, इसलिए प्रशासन और भाजपा दोनों ही स्तर पर सक्रिय हो गए हैं। वीडियो की फॉरेंसिक जांच करवाई जा रही है ताकि यह तय हो सके कि वीडियो असली है या एडिट किया गया है। भाजपा विधायक का यह वायरल वीडियो आगामी लोकसभा चुनावों से पहले वाराणसी में सियासी तापमान को और बढ़ा सकता है। अब यह देखना अहम होगा कि वीडियो की सत्यता की पुष्टि के बाद राजनीतिक समीकरण किस दिशा में जाते हैं।

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