बहुत बड़ा हादसा उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटा से हुआ, लगभग 150 लोगों लापता होने की खबर, अबतक तीन शव बरामद

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उत्तराखंड (एजेंसी) : उत्तराखंड के चमोली जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लेशियर फटा. उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने का ये बहुत बड़ा हादसा है. चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर के फटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है. इस ग्लेशियर फटने से कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि एनडीआरफ की टीम काम पर लग चुकी है जबकि आईटीबीपी और एस डी आर ऍफ़ की टीम भी पहुंच चुकी है. तबाही में हताहत होने वाले लोगों की संख्या में बारे में पूछे जाने पर पता चला है की 250 से ज्यादा लोगों के बहने की आशंका है. ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ के चलते आसपास के इलाके में बसे लोगों को हटाया जा रहा है. कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है. साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है. आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं. एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी जा रही हैं.

इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.  चमोली जिले के तपोवन इलाके में रैणी गांव में बिजली परियोजना पर हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नंदी में जलस्तर अचानक से बहुत बढ़ गया है. निजले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊपरी इलाकों में भेजा जा रहा है. ग्लेशियर फटने से हुई तबाही को देखते हुए श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है.

राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है. नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है. तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है. नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है.

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे श्रृषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की श्रृषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भूकटाव हो रहा है.

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