जाम किया बागजाता माइंस गेट घंटे तक बंद।

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मुसाबनी:- नौकरी देने की मांग को लेकर पूर्व कर्मचारियों के आश्रितों ने शुक्रवार की सुबह सात बजे से यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की बागजाता माइंस के मुख्य गेट को जाम कर दिया,जाम के कारण छह घंटे तक अयस्क की ढुलाई बंद रही। अधिकारी व कई कर्मचारी भी गेट के बाहर ही जाम में फंसे रहे।

गेट जाम करने वाले शांति मुर्मू, अर्जुन मुर्मू, सुनाराम हंसदा, अर्जुन मुर्मू, दसमत सोरेन, चुनका मुर्मूज व सुकलाल मार्डी का कहना है कि जमीन के बदले उनके पिता को बागजाता माइंस में नौकरी मिली थी। पर कंपनी के नियम अनुसार उनकी मृत्यु होने के बाद आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान है। परंतु पांच-छह साल पुराना मामला होने के बाद भी आज तक हमलोगों को स्थाई नौकरी नहीं मिली है। इसको लेकर कई बार कंपनी प्रबंधन के साथ वार्ता भी हो चुकी है। लेकिन इसका कोई नतीजा अब तक नहीं निकला। मजबूर होकर हमलोगों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।

गेट जाम होने के बाद कंपनी प्रबंधन की ओर से बागजाता माइंस परिसर में डिप्टी मैनेजर एनके साहू, मैनेजर (प्रशासन एवं औद्योगिक) डी. हांसदा, खान प्रबंधक बागजाता कल्याण नाथ और सेफ्टी प्रबंधक सिद्धार्थ सिंह ने आंदोलनकारियों के साथ वार्ता कर समाधान निकालने का प्रयास किया। परंतु ठोस आश्वासन से कम पर आंदोलनकारी राजी नहीं हुए। जिसके बाद अधिकारियों ने मुसाबनी प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी से दूरभाष पर आंदोलनकारियों से बात कराई। उन्होंने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि एक सितंबर को इस मामले को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता करा कर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। बीडीओ के अनुरोध पर आंदोलनकारियों ने अपना आंदोलन स्थगित किया। मऊभंडार प्लांट बंद होने से प्रभावित हुई क्षेत्र की औद्योगिक व्यवस्था : एचसीएल/आइसीसी के मऊभंडार प्लांट को शुरू करने की मांग पर शुक्रवार को अस्थायी ठेका मजदूरों ने मऊभंडार कारखाना के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया। धरना में झामुमो नेता कान्हू सामंत व पूर्व जिला परिषद सदस्य राजू कर्मकार भी शामिल हुए।

मजदूरों ने कारखाना के समक्ष धरना देकर बंद आइसीसी प्लांट में उत्पादन शुरू करने की मांग की। धरना को संबोधित करते हुए झामुमो नेता ने कहा कि प्रबंधन व यूनियन के कारण आज आइसीसी कारखाना बंद है। इससे हजारों मजदूरों के समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मऊभंडार प्लांट बंद होने से क्षेत्र की औद्योगिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कंपनी प्रबंधन ने बंद कारखाना को शुरू करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है। कहा कि यह धरना आंदोलन का आगाज है। अगर कारखाना शुरू नहीं होता है, तो प्रबंधन अंजाम के लिए भी तैयार रहे। हम मजदूरों के हर आंदोलन का समर्थन करते हैं और प्रबंधन को चेतावनी देते हैं कि ठेका श्रमिकों की हित की बात करें। प्लांट शुरू करने की दिशा में अगर प्रबंधन कोई ठोस पहल नहीं करता है, तो उग्र आंदोलन होगा। पूर्व जिला परिषद कर्मकार ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि आइसीसी कारखाना बंद होने से मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। प्रबंधन कारखाना शुरू करने की दिशा में ठोस पहल करे। उन्होंने कहा कि कारखाना शुरू करने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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