व्याख्यान माला के नौवें अध्याय में “स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति और इसकी सीमाएं” विषयक व्याख्यान आयोजित

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मानवीय क्रियाकलाप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का परिचायक – डॉ० राधे श्याम सिंह

जमशेदपुर (संवाददाता ):-वर्कर्स कॉलेज, जमशेदपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा । इस निमित्त महाविद्यालय द्वारा विभिन्न विषय-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों को लेकर निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । आज व्याख्यान माला श्रृंखला के नौवें अध्याय में “स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति और इसकी सीमाएं” विषयक व्याख्यान आयोजित किए गए । व्याख्यान को मुख्य वक्ता रूप में रांची विश्वविद्यालय,के बी० एन० जलान कॉलेज, सिसई, गुमला के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राधे श्याम सिंह ने संबोधित किया । उन्होंने अपने संबोधन में अभिव्यक्ति के विभिन्न प्रकारों यथा मौन अभिव्यक्ति, कलात्मक अभिव्यक्ति, राजनैतिक अभिव्यक्ति एवं सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का उल्लेख किया । उन्होंने कहा कि हमारे सभी मानवीय क्रियाकलाप हमारे अभिव्यक्ति का उदाहरण है । अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार हमें संवैधानिक रुप से मिला है । बस हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस अधिकार का प्रयोग हम इनकी सीमाओं का ध्यान रख बखूबी करें । हमारे अभिव्यक्ति की आजादी से किसी के मूल अधिकार का हनन न हो, इसे समझना भी हमारा मालिक कर्तव्य है । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला श्रृंखला के नौवें अध्याय का उद्घाटन करते हुए अपने स्वागत वक्त में मुख्य वक्ता का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए व्याख्यान माला श्रृंखला के दसवें संस्करण की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन प्राध्यापक प्रो० भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ० लाडली कुमारी ने की । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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