टाटानगर स्टेशन पर रेल कर्मचारी नहीं बल्कि मशीन करती है ट्रेनों की सफाई, 2.11 करोड़ में लगी है मशीन, पूरे रेल मंडल में सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है टाटानगर

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जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन की मॉडलीकरण बरकरार रखने के लिये रेलवे की ओर से इस स्टेशन पर बराबर अत्याधुनिक सुविधायें दी जाती है. इसी क्रम में टाटानगर स्टेशन से खुलने वाली यात्री ट्रेनों में बेहतर साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुये ट्रेनों की धुलाई के लिये मशीन की सुविधा दे दी गयी है. स्टेशन के सिक लाइन में जब से नई मशीन लगी है तब से ट्रेनों को समय पर ही प्लेटफार्म पर प्लेस किया जा रहा है. रेल यात्रियों को भी साफ-सफाई को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. जो काम दर्जन भर से ज्यादा रेल कर्मचारी छह घंटे में किया करते थे वह काम अब 10 से 15 मिनट में ही पूरा हो रहा है.

2.11 करोड़ की है टेंडर

रेलवे की ओर से इस काम को निजी हाथों में दे दिया गया है. इसके लिए मशीन 2.11 करोड़ रुपये की लागत से लगायी गयी है. ट्रेनों की साफ सफाई करने वाली मशीन का नाम ऑटोमेटिक कोच वाशिंग यूनिट दिया गया है. वाशिंग यूनिट में दर्जन भर उपकरण लगे हुये हैं जिससे साफ-सफाई का काम पूरा किया जा रहा है. सिर्फ बाहरी हिस्से की सफाई के लिये ही यह मशीन है. पहले भी कोच के भीतर रेल कर्मचारी ही इसकी साफ-सफाई करते थे और अब भी वही व्यवस्था लागू है. बाहरी हिस्से की सफाई के लिये प्री वाशर, वाशर, वाटर स्प्रेयर, ड्रायर के साथ-साथ अन्य तरह से साफ-सफाई का काम कराया जाता है. रेलवे की ओर से 2.11 करोड़ रुपये में वाशिंग मशीन तो खरीदकर दे दिया गया है, लेकिन इसका मेंटेनेंस का जिम्मा एजेंसी को दिया गया है. तीन साल तक इसमें जो भी खराबी आयेगी उसे ठीक कराने का काम एजेंसी करेगी.

 

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