राज्य सूचना आयोग ने पंचायत सेवक पर लगाया 25 हजार का आर्थिक दंड,धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने सूचना का किया था मांग,आयोग ने जताई कड़ी नाराजगी

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 बिक्रमगंज /रोहतास  (संवाददाता ):- बिहार राज लोक सूचना आयोग ने काराकाट प्रखंड के काराकाट पंचायत सचिव पर सूचना नहीं देने के आरोप में 25 हजार रुपए का आर्थिक दण्ड से किया अधिरोपित।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बिक्रमगंज के पत्रकार धर्मेंद्र कुमार सिंह ने उक्त पंचायत सचिव से शिक्षक नियोजन से संबंधित कुछ वांछित सूचना का मांग लोक सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत किया था। आवेदक धर्मेंद्र कुमार सिह ने 7 सितंबर 2018 को लोक सूचना पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी काराकाट (गोडारी) से सूचना की मांग किया था। सूचना नहीं मिलने के उपरांत 1 नवंबर 2018 को प्रथम अपीलीय पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी बिक्रमगंज के यहां अपील दायर किया। फिर भी सूचना नहीं मिलने पर 26 दिसंबर 2018 को मुख्य सूचना आयुक्त राज्य सूचना भवन के पास निबंधित डाक के माध्यम से अपील दायर किया। आयोग ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि पंचायत सचिव सह लोक सूचना पदाधिकारी ने आदेश 20 /2 /2020 , 15/9/20 एवं 11/12/20 के आलोक में अपने प्रभार प्रतिवेदन के क्रमांक 57 पर प्राप्त शिक्षक नियोजन फाइल के आलोक में आवेदक को सूचना प्रदान करने के विषय में कोई प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया है ।और न ही सूचना देने में अनावश्यक विलंब का कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है ।ऐसी स्थिति में स्पष्ट होता है कि संबंधित पंचायत सचिव द्वारा जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण आवेदन नहीं किया जा रहा है ।और ना आयोग के निर्देश के बावजूद प्रभार प्रतिवेदन के क्रमांक 57 पर प्राप्त शिक्षक नियोजन फाइल को इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है ,ऐसी स्थिति में बलराम सिंह पंचायत सचिव ग्राम पंचायत काराकाट सह लोक सूचना पदाधिकारी के विरुद्ध धारा 20(1) सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 25 हजार रुपये का अर्थदंड से अधिरोपित किया जाता है ।जो उनके वेतन से 2 समान मासिक किस्तो में वसूली होगी। उक्त आशय का पत्र जिला पदाधिकारी रोहतास, प्रखंड विकास पदाधिकारी काराकाट तथा कोषागार पदाधिकारी रोहतास को उक्त राशि निर्धारित हेड में जमा कराने का आदेश पारित।आयोग के बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद आवेदक को सूचना प्रदान नहीं करने के लिए कि उन्हें विरुद्ध धारा 20 (2 )सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवश्यक अनुशंसा क्यों नहीं की जाए के संबंध में अगली सुनवाई की तिथि 20 अप्रैल 2021 को स्पष्टीकरण देना आयोग में सुनिश्चित करने को पत्र जारी।

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