गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की जयंती के अवसर पर कलाधार ने राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन आर्ट एग्जिबिशन का आयोजन किया.      

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जमशेदपुर: भारतीय मेधा एवं प्रतिभा के उच्चतम शिखर के कवि गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की जयंती के अवसर पर      कलाधारा की ओर से राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन आर्ट एग्जिबिशन का आयोजन किया गया.  कोरोनावायरस के अभूतपूर्व प्रसार ने समाज में नकारात्मकता और विसर्जन की प्रवृत्ति को प्रश्रय दिया है। ऐसे में कलाकार बंधुओं की सृजनात्मकता और कला साधना की मदद से कलाधारा इन सभी नकारात्मक भावनाओं एवं कुंठित विचारों का प्रतिषेध करता है. इस प्रदर्शनी की शुरुआत दोपहर 1:00 बजे से सोसल मीडिया फेशबुक के माध्यम से शुरू किया गया.  इस प्रदर्शनी में भारत के अलग अलग राज्यों से लोगो ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. जिसमे वरिष्ट कलाकार मुंबई से अमृता सिन्हा, अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ से दीप्ति वर्मा, चेन्नई से शशि माला झा, पुणे से अनन्या तथा जमशेदपुर से चित्ररेखा कुमारी, रूपा झा, मधु झा, अविनाश कुमार शर्मा, नीलाद्री सेन, सुरेंद्र लेयांगी और कमलेश कुमार तिवारी जैसे प्रतिभागी इसमें शिरकत किया.

युवा कलाकार संवर्ग में केरल से नानमा मरियम प्रेजिन, जमशेदपुर से श्रुति, मनीषा चौधरी, श्रेया, सिया कुमारी, केशव कुमार झा, सिमरन कुमारी, पूजा कुमारी, समृद्धि कुमारी, खुशबू पाठक, अभिलाषा कुमारी, अंकित कुमार मिश्रा, अनन्या कुमारी, सोनी कुमारी, अनंत सिंह, आर्या, अर्पित भारद्वाज, प्रज्ञान सिंह राठौर, जर्मन सामड तथा मानसी जैसे कलाकार अपनी प्रस्तुति दी. संस्था के संयोजक डा आशुतोष कुमार झा ने बतया की कलाधारा लोक कला शैली के संरक्षण तथा संवर्धन हेतु प्रयासरत है. इसी कारण इस प्रदर्शनी में लोक कला शैली के अनेक कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित हुई हैं. राजस्थानी लोक कला शैली में फाड़ पेंटिंग के साथ वरिष्ठ कलाकार मधु झा की प्रस्तुति ‘प्रतिबिंब’ दर्शनीय है. कला मर्मज्ञ नीलाद्री सेन बंगाल की सुप्रसिद्ध लोक कला शैली ‘पटचित्र’ के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. बिहार की लोकप्रिय मधुबनी पेंटिंग लिए रूपा झा की प्रस्तुति अनुपम है. युवा तथा संभावनाशील चित्रकार सुरेंद्र लेयांगी ने कुचिपुड़ी शैली की नृत्यांगना प्रस्तुत की है. विशिष्ट लोक कलाकार प्रदीप रजक झारखंड की दुर्लभ ‘पैतकार पेंटिंग’ के प्रस्तुत किया. युवा वर्ग में अनेक प्रतिभागियों ने मधुबनी पेंटिंग में अपनी कलाकृतियां प्रस्तुत की वहीं अनेक कलाकारों ने वार्ली आर्ट में अपनी कलाकृतियां प्रस्तुत की हैं. इस आयोजना को सफल बनाने में बीनू कुमारी, अभिनाश कुमार शर्मा एवं अंकुर ने विशेष योगदान दिया.

इस प्रदर्शनी का विषय स्त्री रखा गया था. प्रदर्शनी को इस लिंक  https://www.facebook.com/kaladharaofficial पर देखा जा सकता है.

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